नयी दिल्ली, 17 अगस्त : कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर देशभर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार को छठे दिन भी जारी रही. इस दौरान अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित रहीं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल भी शनिवार सुबह छह बजे प्रारंभ हुई. प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्य शुक्रवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन के बाद शाम को फिर से विरोध-प्रदर्शन के लिए एकत्र होंगे.
दिल्ली सरकार के अस्पतालों के चिकित्सकों ने एम्स, आरएमएल अस्पताल और डीडीयू अस्पताल सहित विभिन्न आरडीए के आह्वान पर बलात्कार-हत्या की घटना के विरोध में पूरे शहर में विरोध मार्च और मोमबत्ती जुलूस निकाले. आईएमए ने ‘समान एकीकृत कार्य योजना’ को लागू करने पर सामूहिक रूप से सहमति व्यक्त की, जिसका उद्देश्य सुरक्षा से जुड़े एक ऐसे अधिनियम की मांग करना है, जो पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के हितों और जीवन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. आरडीए ने इस बात पर जोर दिया कि यह विरोध-प्रदर्शन केवल न्याय की मांग भर के लिए नहीं है, बल्कि आगे हिंसा रोकने तथा स्वास्थ्य सेवा में अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी है. यह भी पढ़ें : MUDA Scam: कर्नाटक के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी
इससे पहले, शुक्रवार को अपने-अपने अस्पताल परिसरों में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हजारों चिकित्सक बाहर निकले और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया तथा निर्माण भवन के बाहर धरना भी दिया. इन सब घटनाक्रमों के बीच मरीजों को जरूरी चिकित्सा सेवाओं के लिए परेशानियों का समना करना पड़ रहा है. हरियाणा के सोहना से दिल्ली एम्स में इलाज कराने आए एक मरीज ने कहा, ‘‘हम इस बात से सहमत हैं कि जो कुछ हुआ वह बर्बर था और त्वरित न्याय दिया जाना चाहिए, लेकिन आप बेकसूर लोगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते. सोमवार से मैं अपना इलाज कराने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने मुझे वापस जाने को कहा, क्योंकि चिकित्सक हड़ताल पर हैं.’’