नयी दिल्ली, 18 नवंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बृहस्पतिवार को सभी निचली अदालतों को निर्देश दिया कि संबंधित पक्षों के आग्रह पर हाइब्रिड या डिजिटल सुनवाई की अनुमति के इसके आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए. अदालत ने स्पष्ट किया कि न्यायिक अधिकारी इसकी अवलेहना नहीं कर सकते. न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सभी जिला अदालतें इसके आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं. पीठ उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुपालन से जुड़े एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा, ‘‘जब आदेश पारित किया जाता है (उच्च न्यायालय द्वारा) तो ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई न्यायिक अधिकारी कहे कि वह अपना रास्ता चुनेगा.’’ पीठ में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह भी शामिल थे.
अदालत ने आदेश दिया, ‘‘जिला अदालतों में मामलों की सुनवाई के बारे में उच्च न्यायालय पहले ही निर्देश जारी कर चुका है. हम स्पष्ट करते हैं कि दिल्ली के सभी जिलों के तहत आने वाले सभी अधीनस्थ अदालतों को इसका पालन करना होगा. ऐसा नहीं हो सकता कि कोई न्यायिक अधिकारी उक्त आदेश का पालन करने का निर्णय नहीं करता है और उनके समक्ष सूचीबद्ध मामले में हाइब्रिड सुनवाई के आग्रह से इंकार करता है. इसलिए हम सभी अधीनस्थ अदालतों को निर्देश देते हैं कि आदेशों का कड़ाई से पालन करें.’’ यह भी पढ़ें : बंगाल की खाड़ी के ऊपर इस सप्ताह बन सकता है चक्रवात ‘जवाद’, आंध्र प्रदेश, ओडिशा में अलर्ट
उच्च न्यायालय ने 12 अगस्त को जारी आदेश में कहा था कि अदालत में प्रत्यक्ष सुनवाई के दिन भी किसी पक्ष के आग्रह पर निचली अदालतें हाइब्रिड या वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई को अनुमति देंगी. 29 अक्टूबर को जारी आदेश में भी कहा गया कि निचली अदालतें किसी पक्ष के आग्रह पर हाइब्रिड/वीडियो कांफ्रेंस सुनवाई को अनुमति देंगी.