यह क्षेत्र संघर्षों एवं युद्धों से लम्बे समय से जूझ रहा है और यहां जरूरतमंद बच्चों की संख्या दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में सर्वाधिक है. यूनिसेफ (UNICEF) के क्षेत्रीय प्रमुख टेड चैबन ने कहा कि यमन सबसे बड़ी चिंता है. पांच साल के गृह युद्ध के बाद यमन में आधे स्वास्थ्य केंद्र अब काम नहीं कर रहे हैं.. वहां 20 लाख बच्चे कुपोषित हैं. चैबन ने कहा, "यदि आप हर माह उनकी मदद नहीं करते हैं तो गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों की मृत्युदर 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. यमन में बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करना पहले ही आवश्यक था और अब कोविड-19 (Covid-19) ने स्थिति और बिगाड़ दी है."
यमन में कोरोना वायरस (Corona Virus) के अभी तक केवल एक मामले की पुष्टि हुई है लेकिन वहां जांच की क्षमताएं सीमित हैं. पश्चिम एशिया में 2,18,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं. इनमें 8,000 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें बड़ी संख्या ईरान के लोगों की है. चैबन ने कहा कि महामारी की मार को कम करने के लिए क्षेत्र में कई कार्यक्रम चलाने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता है.
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एजेंसी पोषण एवं टीकाकरण की नियमित सेवाओं के अलावा पृथक-वास केंद्र बनाने और स्वच्छता बढ़ाने में भी योगदान दे रही है. एजेंसी सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए मुहिम भी चला रही है.
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