जरुरी जानकारी | सहकारिता मंत्री अमित शाह का चीनी मिलों से एथनॉल के कच्चे माल में विविधता लाने का आग्रह

नयी दिल्ली, 10 अगस्त सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को चीनी मिलों से एथनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का विकल्प तलाशने को कहा और जैव ईंधन विनिर्माण के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा, “बीस प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2030 रखा गया है। हम 2025-26 में लक्ष्य हासिल कर लेंगे।”

मंत्री ने कहा कि सरकार के एथनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम से देश के कच्चे तेल के आयात बिल को कम करने और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद मिली है।

शाह ने चीनी मिलों के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “आपको भविष्यदर्शी होने और अवसरों को देखने तथा विस्तार करने की आवश्यकता है। ... एथनॉल कई स्रोतों से बनाया जा सकता है।”

शाह ने सहकारी चीनी मिलों से आग्रह किया कि वे अपना "रूढ़िवादी" दृष्टिकोण त्यागें और मक्का तथा बांस जैसे वैकल्पिक कच्चे माल का उपयोग करें।

शाह ने कहा कि मिश्रण के लिए लगभग 1,000 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा मौजूद है।

उन्होंने चीनी मिलों के आधुनिकीकरण और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना के बाद संभावित निर्यात अवसरों का हवाला दिया।

मंत्री ने एनएफसीएसएफ को अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए कहा तथा महासंघ को एक वर्ष के भीतर चार राज्यों के प्रत्येक तीन जिलों में एक सहकारी चीनी मिल स्थापित करने का सुझाव दिया।

शाह ने एनएफसीएसएफ को घाटे में चल रही सहकारी समितियों का मार्गदर्शन करने के लिए पेशेवरों को नियुक्त करने तथा दो वर्षों में मिलों के वार्षिक कारोबार को 25 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित करने की भी सलाह दी।

उन्होंने कहा, "हमें अकुशलता से काम करने और सरकार से मदद मांगने की आदत है। अगर आप कुशलता से काम करेंगे तो सरकार आपकी अधिक मदद करने को तैयार होगी। ....एक गतिशील संघ बनाएं, मांग-आधारित संघ नहीं।"

विविधीकरण के लिए यह प्रयास ऐसे समय में किया जा रहा है जब भारत जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देना चाहता है।

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