बगदाद (Baghdad) में अमेरिकी एयर स्ट्राइक (American Air Strike) में कुड्स फोर्स (Quds force) के हेड ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी Gen. Qassim Soleimani), इराकी मिलिशिया कमांडर अबु महदी अल-मुहंदिस (Abu Mahdi al-Muhandis) कई लोगों को मार गिराया. कासिम सोलीमनी के मौत के बाद ईरान बौखला गया है. वहीं अमेरिका के इस एयर स्ट्राइक के बाद ईरान और अमेरिका में ठन गई है. ईरान के सुप्रीम नेता अयोतुल्लाह खमनेई ने तो बदलना लेने का ऐलान तक कर दिया है. कासिम सोलीमनी की मौत के बाद ईरान में तीन दिनों का राष्ट्रिय शोक घोषित कर दिया गया है. ईरान के विदेश मंत्री ने सुलेमानी की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि यह इससे स्थिति खतरनाक रूप से तनावपूर्ण हो गई है और उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी कि उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे.
अमेरिका, इजरायल और अरब एजेंसियों ने 20 सालों में कई बार सुलेमानी को मारने के लिए जाल बिछाया. लेकिन उनके तमाम प्रयास फेल हो गए और सुलेमानी हर बार बच गए. सुलेमानी के ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उनकी सेना को ईरान की बॉर्डर के ऑपरेशनों का जिम्मा मिला हुआ था. सुलेमानी की कुद्ज फोर्स ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के लिए उस वक्त मददगार बनकर उभरे थे. जब 2011 से जारी गृह युद्ध में हार के नजदीक थे. उस वक्त सुलेमानी की कुद्ज फोर्स ने समर्थन में मदद की. ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी ने हेजोबुल्लाह, सीरिया के असद और इराक में शिया समर्थित मिलिशिया समूहों से ईरान को करीब लाने में बड़ा रोल निभाया था. यह भी पढ़ें:- अमेरिका का बगदाद एयरपोर्ट पर बड़ा हमला, ईरान-इराक के टॉप कमांडरों समेत 8 लोगों की मौत, ट्रम्प ने किया ऐसा ट्वीट.
40 सालों से था सुलेमानी अमेरिका का सिर दर्द
ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के पीछे अमेरिका पिछले 4 दशक था. लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई थी. इधर सुलेमानी का बढ़ता गया. जनरल कासिम सुलेमानी ने उस दौर में 1980 के ईरान और इराक के बीच हुई खूनी लड़ाई में बड़ा किरदार निभाया था. जिसके बाद सुलेमानी एक हीरो बनकर उठे थे. वहीं सुलेमानी ने सुलेमानी ने हथियार बंद संगठन हिजबुल्लाह का खुलकर समर्थन किया था. जो कि फिलिस्तीन में एक्टिव आतंकी संगठन हमास को सपोर्ट दिया था.
गौरतलब हो कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे जाने के बाद पेंटागन ने कहा कि सुलेमानी को अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर मारा गया. यह हवाई हमला भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के मकसद से किया गया. अमेरीका अपने नागरिकों की रक्षा के लिए, दुनियाभर में भी चाहे वे जहां भी हैं. सभी आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेगा.