COVID-19 वैक्सीन के पेंटेट को लेकर छूट के प्रस्ताव पर भारत के साथ आया WHO, चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन बोलीं- ये मुनाफे की चिंता करने का वक्त नहीं
सौम्या स्वामीनाथन (Photo Credits: Facebook)

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया है. डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने कहा कि हम इस बात पर मजबूती से विश्वास करते हैं कि वैक्सीन (Vaccine) पर व्यापार संबंधी अधिकार यानी कोविड-19 महामारी के बीच कुछ बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलुओं (TRIPS) को हटाया जाना चाहिए. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका (India and South Africa) के ट्रिप्स हटाने के प्रस्ताव का डब्ल्यूएचओ समर्थन करता है और मानता है कि इसमें छूट दी जानी चाहिए. यह भी पढ़ें- COVID-19: चीन के बारे में बड़ा खुलासा, साल 2015 में कोरोना वायरस के जरिए जैविक युद्ध लड़ने के बारे में जांच की थी- रिपोर्ट.

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस इस बारे में पहले कई बार बात कर चुके हैं. ये मुनाफे और पेटेंट की चिंता करने का वक्त नहीं है.’ दरअसल, पिछले साल दो अक्टूबर को विश्व व्यापार संगठन को एक पत्र में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए ट्रिप्स में छूट का आह्वान किया था ताकि विकासशील देशों की जीवनरक्षक वैक्सीन और दवाओं तक जल्द से जल्द पहुंच बन सके.

उधर, ट्रेड एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मामले में बातचीत में काफी समय लग सकता है. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना महामारी का मुकाबला करने का एकमात्र अधिकार है बड़े लेवल पर वैक्सीनेशन करना, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ. इसके लिए कोरोना के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने और नई टेक्नोलॉजी और प्रभावी टूल्स का निर्माण जरूरी है. कब तक ट्रिप्स के प्रावधानो में छूट मिल सकती है इसको लेकर कोई समय सीमा स्वामीनाथन ने तय नहीं की.

इससे पहले भारत ने गुरुवार को कहा था कि डब्ल्यूटीओ समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देना महत्वपूर्ण कदम होगा. इससे कोविड-19 वैक्सीन और जरूरी चिकित्सा उत्पादों का विनिर्माण तेजी से बढ़ पाएगा और कम कीमत तथा समय पर इनकी उपलब्धता सुनिश्चित होगी.