
रविवार को एक बड़ी खबर सामने आई जब अमेरिका ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए. इन हमलों के बाद हर किसी के मन में यह सवाल था कि कहीं इससे कोई बड़ा रेडियोधर्मी प्रदूषण (रेडिएशन लीकेज) तो नहीं हुआ. लेकिन ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने साफ किया है कि फिलहाल ऐसा कोई खतरा नहीं है. अमेरिकी हमलों के बाद ईरान ने अपने पहले बयान में ही साफ कर दिया कि इस अटैक में न किसी नागरिक की जान गई है और ना ही रेडिएशन लीक का कोई खतरा है.
ईरान का दावा: सब कुछ सुरक्षित
ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने अपने लोगों को भरोसा दिलाया है कि उन्होंने सुरक्षा जांच की है और हमले वाली जगहों पर किसी भी तरह का रेडिएशन लीक नहीं हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि भले ही हमला हुआ हो, लेकिन उनके परमाणु कार्यक्रम को रोका नहीं जाएगा. ईरान इसे अपनी "राष्ट्रीय उद्योग" बताता है और इस पर आगे बढ़ने की बात कह रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और कानूनी कार्रवाई की तैयारी
ईरान ने इन हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और कहा है कि वे अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर चुके हैं. उन्होंने दुनिया के बाकी देशों से भी अपील की है कि वे इन हमलों की निंदा करें और शांतिपूर्ण परमाणु विकास के ईरान के अधिकार का समर्थन करें.
Statement by Iran’s Atomic Energy Organisation Following the attacking of Nuclear Facilities
Following the brutal attacks by the Zionist enemy in recent days, early this morning, the country’s nuclear sites in Fordow, Natanz, and Isfahan were subjected to savage aggression—an…
— Iran in India (@Iran_in_India) June 22, 2025
ईरान के परमाणु सुरक्षा विभाग के प्रमुख मोहम्मद रजा करदान ने कहा कि अमेरिका और इजरायल का यह हमला "अभूतपूर्व और आपराधिक" था, लेकिन फिर भी कोई रेडिएशन प्रदूषण नहीं हुआ. उन्होंने कहा, "ईश्वर का शुक्र है, हमने अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जो कदम उठाए थे, उनके कारण इस आपराधिक हमले के बावजूद हमारे परमाणु स्थलों के बाहर कोई रेडिएशन प्रदूषण नहीं हुआ है. लोग बिना किसी चिंता के उन जगहों के आसपास अपना सामान्य जीवन जारी रख सकते हैं."
अमेरिका का हमला: क्या कहते हैं ट्रंप?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों - फोर्डो, नटांज़ और इस्फहान पर हवाई हमले किए. इस ऑपरेशन में अमेरिकी वायु सेना के बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर का इस्तेमाल किया गया, जो अमेरिका के सबसे उन्नत रणनीतिक विमानों में से एक है.
ट्रंप ने इन हमलों को "बहुत सफल हमला" बताया. उनका दावा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सबसे अहम हिस्सा माने जाने वाले फोर्डो ठिकाने को तबाह कर दिया गया है. ट्रंप ने कहा, "फोर्डो खत्म हो गया है."
बी-2 बॉम्बर खास तौर पर आधुनिक हवाई रक्षा प्रणालियों से बचने और शक्तिशाली सटीक-निर्देशित बम गिराने के लिए बनाया गया है. यही वजह है कि इसे ईरान के परमाणु ठिकानों जैसी मजबूत और गहरी दबी हुई जगहों को निशाना बनाने के लिए चुना गया था.