गाजा: गाजा को कब्रिस्तान में बदल देने वाली इजरायली सेना अभी भी वहां सैन्य अभियान चला रही है. जिसकी वजह से वहां मरने वालों का आंकड़ा 27 हजार के पार चला गया है. मरने वालों में लगभग 10 हजार बच्चे शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के एक अधिकारी के अनुमान के मुताबिक, गाजा पट्टी में रहने वाले 'एक लाख से अधिक बच्चों' को 'मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक सहायता' की सख्त आवश्यकता है. गौरतलब है कि गाजा इज़राइल और मिस्र से घिरा एक संघर्षग्रस्त क्षेत्र है, जहां लगातार हिंसा और आर्थिक कठिनाइयों का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है.
बच्चों पर संघर्ष का दंश
यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक अडेले खोदर के अनुसार, "युद्ध और संघर्ष का बच्चों पर गहरा और स्थायी प्रभाव पड़ता है. गाजा में बच्चे लगातार हिंसा, असुरक्षा और अनिश्चितता से घिरे रहते हैं. घरों और बुनियादी ढांचे का विनाश, प्रियजनों का नुकसान और भविष्य के प्रति अनिश्चितता बच्चों को गंभीर मानसिक तनाव में डाल देती है."
BREAKING: UNICEF official estimates that 'more than one million children' in Gaza are 'in need of mental health and psychosocial support'
— The Spectator Index (@spectatorindex) February 2, 2024
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
दुर्भाग्यवश, गाजा में बच्चों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है. संसाधनों की कमी, योग्य पेशेवरों की अनुपस्थिति और सामाजिक कलंक के कारण कई बच्चे आवश्यक सहायता प्राप्त करने में असमर्थ हैं.
आह्वान और कार्रवाई
यूनिसेफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाजा में बच्चों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है. इसमें पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करना और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना शामिल है.
गाजा में भूखमरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के निदेशक ने कहा है कि भूखे लोगों की भीड़ के खाना छीन लेने के बाद नासिर अस्पताल में भोजन पहुंचाने के प्रयास विफल हो गए. डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि यह घटना गाजा में नारकीय स्थिति और गंभीर भूखमरी को दर्शाती है.