अदीस अबाबा: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में मानवीय मामलों की सहायक महासचिव उसुर्ला मुलर (Ursula Mueller) ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वे जलवायु संकट का समाधान करने के लिए फौरन कदम उठाएं, जो जिबूती और हॉर्न ऑफ अफ्रीका के बाकी हिस्सों को भी प्रभावित कर रहा है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यूएनसीएचओ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि मुलर जो मानवीय मामलों के समन्वय (यूएनओसीएचए) के कार्यालय में उप-आपातकालीन राहत समन्वयक भी हैं, उन्होंने 2 से 4 अक्टूबर तक जिबूती में चले तीन-दिवसीय मिशन के समापन के समय यह आह्वान किया.
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यूएनओसीएचएओ ने मुलर के हवाले से बयान में कहा, "जलवायु परिवर्तन वास्तविक है और मैं इसे यहां देख सकती हूं. मैंने बड़े पैमाने पर सूखा देखा और मैं ऐसे समुदायों से मिली जिन्हें साफ पानी भी बेहद मुश्किल से मिलता है. उन्होंने मुझे बताया कि यह स्थिति उनके जीवन को कैसे प्रभावित कर रही है. जिबूती का वास्तव में वैश्विक स्तर पर जलवायु की आपातकालीन स्थिति में कोई हाथ नहीं रहा है, लेकिन इसकी आबादी रोजमर्रा के जीवन में इसका परिणाम भुगत रही है."
यूएनओसीएचए के अनुसार, पूरा क्षेत्र सूखे, पानी की कमी और अन्य जलवायु संबंधी समस्याओं, कुपोषण, बीमारी के प्रकोप, खाद्य असुरक्षा और विस्थापन जैसी समस्याओं की चपेट में है, जिससे मानवीय जरूरतों में वृद्धि हुई है.
अपनी यात्रा के अंत में, उप-मानवीय प्रमुख ने मुख्य रूप से समस्याओं के अंतर्निहित कारणों को दूर करने और जिबूती और क्षेत्र को सतत विकास के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए फौरन कदम उठाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.