अमेरिका का आतंकवाद पर दोहरा रवैया? वाशिंगटन में आज PAK आर्मी चीफ आसिम मुनीर से राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात, भारत का विरोध
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Donald Trump to Meet PAK Army Chief Asim Munir: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इन दिनों अमेरिका के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आज वाशिंगटन में लंच मीटिंग करेंगे. ट्रंप और मुनीर की यह मुलाकात व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में दोपहर के समय निर्धारित है. जहां पर दोनों नेताओं की मुलाकात होने वाली हैं.

हालांकि, इस मुलाकात को लेकर भारत ने कड़ा विरोध जताया है. भारत का कहना है कि अमेरिका का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ उसके कथित रुख के उलट है. भारतीय नागरिकों और विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख से मुलाकात करना, जबकि पाकिस्तान लगातार सीमा पार आतंकवाद में लिप्त रहा है, अमेरिका के "दोहरे रवैये" को दर्शाता है. यह भी पढ़े: Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानी लड़की से ऑनलाइन रचाई शादी, CRPF जवान नौकरी से बर्खास्त; पहलगाम हमले के बाद सरकार सख्त (Watch Video)

पहले किया था इंकार, अब मुलाकात तय

गौरतलब है कि शुरुआत में व्हाइट हाउस ने इस बात से इनकार किया था कि राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तानी सेना प्रमुख से मुलाकात करेंगे. लेकिन अब इस बैठक की पुष्टि कर दी गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

पीएम मोदी ने G7 समिट में उठाया आतंकवाद का मुद्दा

राष्ट्रपति ट्रंप और मुनीर की मुलाकात से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में चल रही G7 शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया. पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि “आतंकवाद पर दोहरा रवैया अब और नहीं चलेगा. यह केवल किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की समस्या है.” उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को मानवता पर हमला बताया.

मुनीर को लेकर अमेरिका में  विरोध

हालांकि मुनीर को अमेरिका का न्योता मिला है, लेकिन वहां भी विरोध की आवाज़ें उठ रही हैं. वाशिंगटन डीसी में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद पाकिस्तानी प्रवासी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं ने मुनीर के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने “पाकिस्तानियों का कातिल” और “इस्लामाबाद का कातिल” जैसे नारे लगाए.

कूटनीतिक समीकरणों पर असर संभव

जनरल मुनीर की इस यात्रा का उद्देश्य अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना बताया जा रहा है.  वे अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से भी मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि भारत के विरोध के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका आने वाले समय में आतंकवाद को लेकर क्या रुख अपनाता है.