उत्तर कोरिया, 7 अप्रैल : उत्तर कोरिया (North Korea) ने करीब एक साल पहले संक्रमण की शुरुआत में देश को महामारी से मुक्त रखने के प्रयास को ‘‘राष्ट्र के अस्तित्व का सवाल’’ करार दिया था. उत्तर कोरिया ने अपनी सीमाएं बंद कर रखी हैं, पर्यटकों के आगमन पर रोक है और राजनयिकों को भी देश से बाहर किया जा चुका है. संक्रमण के लक्षण वाले हजारों लोगों को पृथक-वास में रखा गया है, लेकिन इसके बाद भी उत्तर कोरिया का कहना है कि उसके देश में कोविड-19 (COVID-19) का एक भी मामला सामने नहीं आया. यह एक ऐसा दावा है, जिस पर भरोसा करना मुश्किल है क्योंकि उत्तर कोरिया की स्वास्थ्य प्रणाली अच्छी स्थिति में नहीं है और देश का कारोबार भी संक्रमण से प्रभावित चीन के साथ है और यह कारोबार उसकी अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा के समान है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के उत्तर कोरिया के प्रतिनिधि एडविल सल्वाडोर ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बुधवार को बताया कि उत्तर कोरिया ने कहा है कि उसने महामारी की शुरुआत से एक अप्रैल तक 23,121 लोगों की जांच की है, लेकिन इनमें से कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया. सल्वाडोर ने कहा कि उत्तर कोरिया ने 26 मार्च से एक अप्रैल के बीच 732 लोगों की जांच की. यह भी पढ़ें : शरीर के वजन व कोलेस्ट्रॉल के ‘खराब’ स्तर से हो सकता है कोविड का खतरा
डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर कोरिया पृथक-वास में भेजे गए लोगों की संख्या अब एजेंसी के साथ साझा नहीं कर रहा है. उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा था कि वह कोरोना वायरस से अपने खिलाड़ियों की रक्षा करने के लिए तोक्यो ओलंपिक में हिस्सा नहीं लेगा.