Duma Vote To Bill Banning Sex Change: रूसी राज्य ड्यूमा के संसद के निचले सदन ने रूस में नए एलजीबीटीक्यू विरोधी कानूनों के तहत, सेक्स चेंज सर्जरी सहित ट्रांसजेंडर लोगों के लिए लगभग सभी चिकित्सा सहायता पर प्रतिबंध लगाने वाले एक नए कानून के पक्ष में मतदान किया है. शुक्रवार को इस बिल पर तीसरा और अंतिम डिस्कशन हुआ, बच्चों में जन्मजात शारीरिक विसंगतियों के इलाज से संबंधित मामलों को छोड़कर, डॉक्टरों को लिंग चेंज सर्जरी करने से रोकता है. यह रजिस्ट्री कार्यालयों को लिंग परिवर्तन के चिकित्सा प्रमाणपत्रों के आधार पर आधिकारिक दस्तावेजों में संशोधन करने से भी प्रतिबंधित करता है. यह भी पढ़ें: डिनर के दौरान 'जय हो' गाना सुनकर मंत्रमुग्ध हुए फ्रांस के राष्ट्रपति और PM मोदी, देखें जोश से भरा ये VIDEO
कानून को लागू होने से पहले फेडरेशन काउंसिल से अप्रूवल के साथ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का साइन लेना होगा. इसके तीसरे डिस्कशन के लिए किए गए संशोधनों में लिंग परिवर्तन कराने वाले व्यक्तियों को गोद लिए हुए माता-पिता या अभिभावक बनने के लिए अयोग्य घोषित करना शामिल है, साथ ही यदि एक या दोनों पति-पत्नी लिंग परिवर्तन कराते हैं, तो अपने नागरिक स्टेटस रिकॉर्ड को अपग्रेड करते हैं तो विवाह को रद्द करने की संभावना भी शामिल है.
पुतिन ने हाल के महीनों में एलजीटीबीक्यू विरोधी कानून को सख्त कर दिया है, क्योंकि क्रेमलिन यूक्रेन में युद्ध के बीच स्वतंत्र भाषण और मानवाधिकारों पर रोक लगा रहा है. रूस में ये हालिया कानूनी घटनाक्रम एलजीबीटीक्यू समुदाय पर बाधाओं का विस्तार करेगा. देश में ट्रांसजेंडर अधिकारों पर सख्त नियमों और नियंत्रण को दर्शाते हैं.
दिसंबर 2022 में, रूस ने गैर-हेट्रोसेक्सुअल संबंधों और पहचानों के आसपास सार्वजनिक चर्चाओं और कहानियो पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए अपने मौजूदा "समलैंगिक प्रचार" कानून का विस्तार किया. पुतिन द्वारा हस्ताक्षरित संशोधनों के पैकेज में "गैर-पारंपरिक यौन संबंधों और/या प्राथमिकताओं" के साथ-साथ लिंग परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए भारी दंड शामिल है.
रूस की पहली ट्रांसजेंडर राजनेता यूलिया एलोशिना ने प्रस्तावित ट्रांसजेंडर बिल के गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है. एलोशिना ने सीएनएन को बताया, "एक बार बिल कानून बन गया, तो नतीजे कठोर होंगे, क्योंकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को चिकित्सा देखभाल के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा, जिसकी संवैधानिक गारंटी है", "यह बिल न सिर्फ भेदभावपूर्ण है, बल्कि यह ट्रांसजेंडर लोगों का वास्तविक नरसंहार है."