रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है. देर रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका को बल मिला है. हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए साफ कहा है कि यूक्रेन किसी से डरता नहीं है. उन्होंने रूस पर शांति वार्ता को बर्बाद करने का आरोप लगाया और किसी भी क्षेत्रीय रियायत को ख़ारिज कर दिया है. यूक्रेन-रूस संकट पर टिकीं सभी की निगाहें, बाल्कन में अपना दूत भेजेंगे पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के साथ-साथ वहां पर अपने सैनिकों की तैनाती करने के आदेश दिए हैं. इस बीच, अमेरिका, मैक्सिको और पांच यूरोपीय देशों के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने सोमवार रात को एक आपात बैठक बुलाई. जिसमें यूरोपियों देशों के साथ ही अमेरिका ने भी रूस के कदम का विरोध किया. ब्रिटेन ने कहा कि रूस को अपना फैसला वापस लेना चाहिए.
Russian President Vladimir Putin announces the recognition of two separatist republics in eastern Ukraine - Donetsk and Lugansk - as independent. pic.twitter.com/O46RKXyHlZ
— ANI (@ANI) February 21, 2022
यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा “रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है. हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं. हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है.”
भारत का पक्ष रखते हुए तिरुमूर्ति ने कहा “नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है. 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं. भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है.
Ukrainian President Volodymyr Zelenskiy accused Russia of wrecking peace talks and ruled out making any territorial concessions in an address to the nation in the early hours of Tuesday morning, reports Reuters pic.twitter.com/AAswEPmmyW
— ANI (@ANI) February 22, 2022
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है.
इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें. रूस के निचले सदन ने भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार की अपील की थी.
The escalation of tension along the border of Ukraine with the Russian Federation is a matter of deep concern. These developments have the potential to undermine peace and security of the region: India's Permanent Rep to United Nations TS Tirumurti, at UNSC meet on Ukraine pic.twitter.com/LzJohFcIDv
— ANI (@ANI) February 22, 2022
पुतिन ने रूसी सांसदों से यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों के साथ संधियों पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया, जिससे कि उन्हें मॉस्को का सैन्य समर्थन मिल सके.
वहीं, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा. इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया.
गौरतलब है कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था. उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है. साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है. कीव की आबादी करीब 30 लाख है.