लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) के सियालकोट में 1,000 साल पुराना हिंदू मंदिर शवाला तेजा सिंह मंदिर (Shawala Teja Singh Temple) बंटवारे के बाद पहली बार ‘पूजा’ के लिए खोला गया. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि स्थानीय लोगों की मांग के बाद इसे खोला गया है. दिवंगत लेखक राशिद नियाज के द्वारा लिखी गई ‘हिस्ट्री ऑफ सियालकोट’ के मुताबिक यह मंदिर 1,000 साल पुराना है और लाहौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर शहर के धारोवाल क्षेत्र में है. इस मंदिर का नाम शवाला तेजा सिंह मंदिर है.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखरेख करने वाली इवेक्यू ट्रस्ट पॉपर्टी बोर्ड ने स्थानीय हिंदू समुदाय की मांग पर भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पहली बार मंदिर का दरवाजा खोला है. यह भी पढ़े: करतारपुर कॉरिडोर: भारत-पाकिस्तान के बीच चर्चा जारी, पाक ने कहा- 70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हुआ
उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र में हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोग नहीं रहते थे इसलिए यह मंदिर बंद था. उन्होंने बताया कि 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद इस मंदिर पर हमला हुआ था और यह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था.