लाहौर. पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की आतंकवाद के वित्त पोषण मामलों में उसकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आपत्ति को शुक्रवार को बरकरार रखा. लाहौर उच्च न्यायालय के पंजीयक कार्यालय ने याचिका में संलग्न की गई मस्जिद की तस्वीरों पर आपत्ति जताई थी. सईद और 67 अन्य लोगों द्वारा दायर इस याचिका में तस्वीरें यह साबित करने के लिए संलग्न की गई थी कि ये मस्जिदें कथित आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल के लिए चित्रित किए जाने वाले स्थानों पर बनाई गईं.
पंजीयक कार्यालय ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं ने इसे ‘‘धार्मिक मुद्दा’’ बनाने के लिए ये तस्वीरें संलग्न की जिससे ऐसा असर पड़े कि ये मस्जिदें ‘‘उनके द्वारा गैरकानूनी रूप से कब्जाई गई भूमि’’ पर बनाई गईं. यह भी पढ़े-मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में गिरफ्तार, इमरान खान के US दौरे से पहले हुई कार्रवाई
न्यायाधीश मजहर अली नकवी की अध्यक्षता में लाहौर उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने आपत्ति बरकरार रखी और याचिकाकर्ताओं को नयी याचिका दायर करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उसके साथ मस्जिद की कोई तस्वीर संलग्न न की जाए. वकील ए के डोगर ने कहा कि नयी याचिका जल्द ही दायर की जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पाकिस्तानी आतंकवादी सईद और जमात-उद-दावा तथा फलह-ए-इंसानियत के अन्य 67 नेताओं ने मंगलवार को एक ताजा याचिका दायर करते हुए उनके खिलाफ आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में प्राथमिकियों को चुनौती दी. लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर गुजरात में आतंकवाद रोधी अदालत दो सितंबर को इस मामले पर सुनवाई करेगी.
सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। उसे लाहौर की उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में रखा गया. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य नहीं है और न ही उनका उससे कोई संबंध है। उन्होंने इस संबंध में अदालतों की पूर्व की टिप्पणियों का भी हवाला दिया.
सईद और अन्यों ने लाहौर उच्च न्यायालय से याचिका में बताई गई संपत्ति को ‘‘मस्जिदों के उद्देश्य के लिए समर्पित’’ घोषित करने का अनुरोध किया. पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग ने पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के आरोपों पर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की थीं. ये मामले ट्रस्ट या गैर लाभकारी संगठनों के नाम पर मौजूद संपत्तियों के जरिए आतंकवाद के लिए निधि एकत्रित करने को लेकर लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में दर्ज किए गए.
(भाषा इनपुट)