काठमांडू: भारत के साथ सीमा विवाद मुद्दे पर बातचीत करने का राग अलाप रहा नेपाल (Nepal) अब नए अपडेट किए गए नक्शे को विश्व बिरादरी में भेजने की तैयारी कर रहा है. नेपाल इस नक्शे को भारत, संयुक्त राष्ट्र, गूगल (Google) और अंतरराष्ट्रीय समुदायों को भेजेगा. इस नक्शे में कालापानी (Kalapani), लिपुलेख (Lipulekh) और लिंपियाधुरा (Limpiyadhura) के भारतीय क्षेत्र शामिल हैं. पड़ोसी देश अगस्त के मध्य तक यह नक्शा भेज देगा. नेपाल के भूमि प्रबंधन मंत्री पद्मा आर्यल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इसकी जानकारी दी.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल सरकार मानचित्र को अंग्रेजी में प्रकाशित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रही है ताकि इसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भेजा जा सके. नेपाल ने पहले ही संशोधित नक्शे की 25,000 प्रतियां छापी हैं, जिसे वह प्रांतीय और सार्वजनिक कार्यालयों को वितरित करेगा. यह भी पढ़ें: भगवान राम पर नेपाली प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के बयान से भड़के संत और विहिप.
ANI का ट्वीट
Nepal to send new updated map to India, United Nations, Google and international communities by mid of this month: Nepal's Minister for Land Management, Padma Aryal to ANI
— ANI (@ANI) August 1, 2020
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल मई में उत्तराखंड के धारचूला से लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किया था जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में दरार आ गई. नेशनल असेंबली, या नेपाली संसद के ऊपरी सदन, ने सर्वसम्मति से देश के नए राजनीतिक मानचित्र को अपने राष्ट्रीय प्रतीक में शामिल करने के लिए संविधान संशोधन बिल पारित किया.
शुक्रवार को नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने भारत से सीमा रेखा के समाधान के लिए बातचीत शुरू करने को कहा. ग्यावली ने आरोप लगाया कि नई दिल्ली ने इस मुद्दे पर बातचीत के लिए काठमांडू के अनुरोध का जवाब नहीं दिया. उन्होंने नेपाली गोरखा सैनिकों की भर्ती के लिए 1947 में भारत, नेपाल और यूके द्वारा हस्ताक्षरित एक त्रिपक्षीय समझौते को भी "निरर्थक" बताया.