अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वह अपनी नई टीम तैयार करने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में माइक वॉल्ट्ज (Mike Waltz) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है. माइक वॉल्ट्ज, अमेरिकी सीनेट के इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं. वॉल्ट्ज अमेरिका की मजबूत रक्षा नीति के समर्थक माने जाते हैं और ट्रंप के सुरक्षा संबंधी वादों का समर्थन करते हैं. उनकी नियुक्ति एक ओर जहां भारत के लिए गुड न्यूज है तो वहीं चीन के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. माइक वॉल्ट्ज चीन के कट्टर आलोचक रहे हैं.
कौन हैं माइक वॉल्ट्ज
50 वर्षीय माइक वॉल्ट्ज आर्मी नेशनल गार्ड के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और फ्लोरिडा से तीन बार कांग्रेस सदस्य रह चुके हैं. उन्होंने अफगानिस्तान, मिडिल ईस्ट, और अफ्रीका में सैन्य सेवाएं दी हैं और हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन तथा विदेश मामलों की समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. वॉल्ट्ज के पास सैन्य अनुभव का व्यापक ज्ञान है, और वह चीन को लेकर अमेरिका की कड़ी नीति के समर्थक माने जाते हैं.
इंडिया कॉकस और भारत-अमेरिका संबंध
माइक वॉल्ट्ज ने 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक अमेरिकी दौरे के दौरान कैपिटल हिल में आयोजित कार्यक्रम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 40 सदस्यों वाला इंडिया कॉकस, जो 2004 में हिलेरी क्लिंटन और जॉन कॉर्निन द्वारा गठित किया गया था, सीनेट का सबसे बड़ा कॉकस है और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
अमेरिका की चीन पर नीति होगी सख्त
माइक वॉल्ट्ज राष्ट्रपति जो बाइडेन के अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के फैसले के बड़े आलोचक रहे हैं. उनकी संभावित नियुक्ति से उम्मीद है कि अमेरिका की चीन पर नीति और कड़ी होगी. वॉल्ट्ज ने हमेशा अमेरिका की सुरक्षा को मजबूत करने की वकालत की है, और उनकी नियुक्ति से ट्रंप की विदेश नीति और रक्षा रणनीति को नया रूप मिलने की संभावना है.
ट्रंप की अन्य प्रमुख नियुक्तियां
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के लिए एलिस स्टेफैनिक को चुना है, जो ट्रंप की कट्टर समर्थक मानी जाती हैं. वहीं, व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ के लिए सूजी विल्स की नियुक्ति की है, जो इस पद पर आने वाली पहली महिला होंगी. जनवरी में संभावित शपथ ग्रहण से पहले ये नियुक्तियां ट्रंप की प्रशासनिक टीम में बड़े बदलावों का संकेत हैं.