टोक्यो, 5 जनवरी : मध्य जापानी प्रान्त इशिकावा में आए शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 92 हो गई है, जबकि कम से कम 242 लोग लापता हैं. वहीं, बढ़ती क्षति की चिंताओं के बीच बचाव कार्य तेज हो गए हैं. जापानी समाचार एजेंसी क्योदो के अनुसार कुल लापता व्यक्तियों में से सबसे अधिक प्रभावित वाजिमा शहर में 40 लोगों की सूचना मिली है. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लापता लोगों की सुरक्षा की पुष्टि और खोज में तेजी लाने के लिए पुलिस और अग्निशमन विभागों के साथ सहयोग करते हुए आत्मरक्षा बलों ने भी लगभग 4,600 कर्मियों के साथ अपने प्रयास तेज कर दिए हैं.
क्योडो ने जापान के भू-स्थानिक सूचना प्राधिकरण के नवीनतम अनुमानों का हवाला देते हुए बताया कि भूकंप के दौरान वाजिमा शहर के केंद्र में भीषण आग लगने से लगभग 48,000 वर्ग मीटर का क्षेत्र नष्ट हो गया. आवश्यक आपूर्ति की डिलीवरी एक चुनौती बनी हुई है, भूस्खलन के कारण 10 से अधिक स्थानों पर सड़कें बंद हैं. इस बीच पूरे प्रांत में अलग-थलग समुदायों में 700 से अधिक लोग फंसे हुए हैं. क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को गंभीर झटका लगा है, 13 शहरों और कस्बों में लगभग 30,000 घरों को बिजली कटौती और 80,000 अन्य लोगों को पानी की आपूर्ति में व्यवधान का सामना करना पड़ा है. यह भी पढ़ें : Nepal earthquake: नेपाल को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के लिए 7.5 करोड़ डॉलर देगा भारत- विदेश मंत्री एस. जयशंकर
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इशिकावा में लगभग 370 निकासी केंद्रों पर लगभग 33,000 लोग रुके हुए हैं, शौचालय तक पहुंच सहित स्वच्छता से संबंधित मुद्दे भी गंभीर चिंता के रूप में उभरे हैं. सोमवार को इशिकावा के नोटो क्षेत्र में 7.6 तीव्रता वाला बड़ा भूकंप आया था. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर इसे 2024 ''नोटो पेनिनसुला अर्थक्वेक'' का नाम दिया है. वाजिमा से लगभग 30 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व में केंद्रित, विनाशकारी भूकंप की अधिकतम तीव्रता 7 दर्ज की गई, जिससे लोगों के लिए खड़ा होना असंभव हो जाएगा.