पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव जारी है. बालाकोट में भारतीय सेना द्वारा एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों में तनाव कुछ ज्यादा बढ़ गया है. दोनों देशों की ये तल्खी ओआईसी (Organisation of Islamic Cooperation ) के बाद अब एफएटीएफ में भी दिख रही है. एफएटीएफ (Financial Action Task Force) में भारत और पाकिस्तान आमने सामने आ गए हैं. भारत की कड़ी कार्रवाई से घबराए हुए पाक ने एफएटीएफ से कहा है कि भारत का रवैया उसके प्रति ठीक नहीं है. बालाकोट एयर स्ट्राइक का हवाला देते हुए पाक ने कहा कि भारत लगातार दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहा है.
पाक का कहना है कि हम शांति चाहते हैं लेकिन भारत की तरफ से ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है. इसलिए उसे संस्था की रिव्यू बॉडी से हटाया जाए. पाकिस्तान का कहना है भारत का रवैया उसके प्रति हमेशा नकारात्मक रहा है, इसलिए उसे संस्था की रिव्यू बॉडी से बाहर किया जाना चाहिए. इसके अल्वा पाक का आरोप है कि भारत एफएटीएफ के नाम पर राजनीति करता है. यह भी पढ़ें- भारत ने दिखाई दरियादिली, घुसपैठ के आरोप में पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक को छोड़ा
इसके विपरीत भारत ने पाकिस्तान को एफएटीएफ से ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है. भारत का कहना है कि "ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान का नाम पहले से दर्ज है. पाकिस्तान अपनी सरजमीं से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है, इसलिए एफएटीएफ उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए." बता दें कि एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था और कहा था कि आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने में पाकिस्तान नाकाम रहा है, इसलिए उसके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने एयर स्ट्राइक का रोना रोया
पाकिस्तान ने एफशांत संयुक्त समूह के सह अध्यक्ष पद से हटाने का अनुरोध किया है. भारतीय वायुसेना की हवाई कारवाई (एयर स्ट्राइक) का हवाला देते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने इसके लिए एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्शल बिलिंगसलीआ को पत्र लिखा है. इस ‘पाकिस्तान के प्रति भारत का रवैया जगजाहिर है. हाल में पाकिस्तानी क्षेत्र में बम गिराया जाना भारत के दुश्मनी वाले रवैये का एक और उदाहरण है.’ दूसरी ओर खुद को अच्छा दिखाने के लिए एफएटीएफ के निर्देश पर पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सहित प्रतिबंधित संगठनों के एक समूह को 'उच्च जोखिम' श्रेणी में डालने का फैसला किया है. पाकिस्तान ने आतंकी गतिविधियों की निगरानी और फिर से जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने जेईएम, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अल कायदा, जमात उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों की आतंकी फंडिंग के खिलाफ कारगर कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद पाक ने इन संगठनों को 'उच्च जोखिम' श्रेणी में डालने का फैसला किया.