अंकारा: तुर्की की संसद में शुक्रवार को एक बड़ा हंगामा और मारपीट हुई, जब एक विपक्षी सांसद पर हमला कर दिया गया. यह घटना तब हुई जब सांसद अहमेत सिख ने अपने एक साथी सांसद की रिहाई की मांग की, जो सरकार विरोधी प्रदर्शनों के आरोप में जेल में बंद हैं, लेकिन उन्हें संसद सदस्य चुना गया है. इस मांग के बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सत्ताधारी AKP पार्टी के सांसदों ने सिख पर हमला कर दिया, जिसके बाद संसद में खून-खराबा हुआ.
वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि सत्ताधारी पार्टी के सांसद तेज़ी से सिख की ओर बढ़े और उन पर घूंसे बरसाने लगे. कुछ सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही देर में माहौल पूरी तरह से बेकाबू हो गया. स्पीकर के पोडियम की सफेद सीढ़ियां खून से सनी हुई नज़र आईं.
A fistfight broke out in Turkey's parliament when an opposition deputy was attacked after calling for his colleague, Can Atalay, to be admitted to the assembly. Atalay was jailed on charges of trying to overthrow the government but was since elected an MP https://t.co/M4NyyckHNu pic.twitter.com/HovObp0gAd
— Reuters (@Reuters) August 16, 2024
संसद में मारपीट की वजह क्या थी?
इस घटना की जड़ें 2013 में आयोजित गेज़ी पार्क विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी हैं. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व करने के आरोप में 2022 में कन अटालाय को 18 साल की सजा सुनाई गई थी. उन्हें सरकार गिराने की साजिश के तहत दोषी ठहराया गया था. अटालाय के साथ-साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं और परोपकारी ओस्मान कावला को भी इसी मामले में सजा हुई. हालांकि, इन सभी ने आरोपों से इनकार किया है.
इस सजा के बावजूद, अटालाय को पिछले साल मई में तुर्की वर्कर्स पार्टी (TIP) से संसद सदस्य चुना गया था. लेकिन, संसद ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. 1 अगस्त को तुर्की के संवैधानिक न्यायालय ने इस निष्कासन को अवैध घोषित किया और अटालाय की संसद में वापसी का रास्ता साफ किया.
अहमेत सिख ने संसद में बोलते हुए AKP पार्टी के सांसदों से कहा, "हमें आश्चर्य नहीं होता कि आप कन अटालाय को आतंकवादी कहते हैं, जैसे आप उन सभी को कहते हैं जो आपके साथ नहीं हैं. लेकिन, सबसे बड़े आतंकवादी वे हैं जो इन सीटों पर बैठे हैं." सिख के इस बयान के बाद संसद में माहौल गर्म हो गया और हंगामा शुरू हो गया.
JUST IN: 🇹🇷 Fight breaks out in Turkish Parliament
— BRICS News (@BRICSinfo) August 16, 2024
हंगामे के बाद संसद की कार्रवाई
मारपीट के बाद, उप-सभापति ने संसद की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. तीन घंटे के बाद, संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन इस बार सभापति ने खुद कार्यवाही की अध्यक्षता की. संसद ने अहमेत सिख के बयानों के लिए उन्हें फटकार लगाई, जबकि AKP के अल्पाय ओज़ालान को शारीरिक हमले के लिए चेतावनी दी गई.
मुख्य विपक्षी दल CHP के नेता ओज़गुर ओज़ल ने इसे शर्मनाक करार दिया. उन्होंने कहा, "सांसदों ने दूसरे सांसदों पर, यहां तक कि महिलाओं पर भी हमला किया. यह अस्वीकार्य है." प्रोकुर्दिश DEM पार्टी की प्रमुख गुलिस्तन कोस्यगित, जो खुद भी मारपीट की शिकार हुईं, ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा, "यह साफ था कि वे पहले से ही पूरी तैयारी के साथ आए थे. वे हमारे भाषण और हमारी आवाज को दबाने के लिए दबाव, हिंसा और बल का उपयोग कर रहे हैं." इस पूरे घटनाक्रम के बाद TIP ने कन अटालाय की रिहाई की मांग भी की.
तुर्की की संसद में मारपीट के पीछे का संदर्भ
तुर्की की संसद में मारपीट की घटनाएं दुर्लभ हैं, लेकिन यह पहली बार नहीं है. जून में भी AKP के सांसदों ने प्रोकुर्दिश DEM पार्टी के सांसदों से झड़प की थी. यह झड़प एक DEM पार्टी के मेयर की गिरफ्तारी और उनके स्थान पर किसी और की नियुक्ति के बाद हुई थी, जिन पर आतंकवादी संबंधों का आरोप था.
इस घटना ने तुर्की की राजनीति में व्याप्त तनाव और ध्रुवीकरण को एक बार फिर उजागर कर दिया है. अब देखना होगा कि इस घटना के बाद तुर्की की राजनीति और संसद की कार्यवाही किस दिशा में जाती है.