इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) को मंगलवार को देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है. इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट ने मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई. परवेज मुशर्रफ इस समय पाकिस्तान में नहीं हैं. मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई में हैं. मुशर्रफ सुरक्षा व स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान नहीं लौटे हैं. परवेज मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तान की पूर्व मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने साल 2013 में यह मामला दर्ज करवाया था. पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने साल 2007 में पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाई थी. इसी जुर्म में परवेज मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया था.
परवेज मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में शासन किया. परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के अनुसार उच्च राजद्रोह का दोषी करार दिया गया है. मुशर्रफ की फांसी का फैसला जजों के बहुमत के आधार हुआ. विशेष अदालत में हुई सुनवाई में तीन जजों ने मुशर्रफ के खिलाफ फैसला सुनाया.
देशद्रोह के मामले में मौत की सजा-
A special court hands death penalty to former Pakistani military dictator Pervez Musharraf in high treason case: Pakistan Media (file pic) pic.twitter.com/8V3j7uAyZI
— ANI (@ANI) December 17, 2019
साल 2014 सितंबर में ही अभियोजन ने सारे सबूत विशेष अदालत के सामने रखे. हालांकि कई याचिकाओं के कारण मामले में देरी हुई. जिसके बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट और गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद मार्च 2016 में मुशर्रफ पाकिस्तान से बाहर चले गए, इसके बाद वे पाकिस्तान नहीं लौटे. परवेज मुशर्रफ 2016 से दुबई में हैं.
मुशर्रफ को पाक की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में 2017 में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. पाकिस्तानी मीडिया के मुशर्रफ को एक दुर्लभ किस्म की बीमारी अमिलॉइडोसिस से पीड़ित हैं. इस बीमारी के कारण बची हुई प्रोटीन शरीर के अंगों में धीरे-धीरे जमा होने लगता है. इसलिए इलाज के लिए वे दुबई में हैं.