भारत की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान (Pakistan) से संचालित 5,000 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट को चिह्नित किया है, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Bill), 2019 पर गलत और झूठी जानकारियां फैला रहे हैं. इनमें से कुछ हैंडल भारत में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए फर्जी वीडियोज का उपयोग कर रहे हैं. सुरक्षा विभाग के एक सूत्र ने कहा, "पाकिस्तान की कुछ प्रमुख हस्तियां भी अपने निजी हैंडल्स से जानकारियां साझा कर रही हैं. ये हैंडल्स पिछले 48 घंटों से काफी सक्रिय हैं."
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) तक झूठी जानकारियों से भरे ट्वीट कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "भारत से आ रहे कई मैंसेजों में से, मैं सिर्फ यह मैसेज ट्वीट कर रहा हूं. दिल्ली के जामिया मिलिया स्थित मस्जिद में पुलिस की बर्बर हिंसा पर लड़की रो रही है. प्रधानमंत्री मोदी की फासीवादी हिंदुत्व सरकार मुस्लिमों के साथ युद्ध कर रही है."
एजेंसियों ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्रोल ब्रिगेड की कमान संभाल रखी है. पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडलर्स ने भी रविवार को जामिया मिलिया में प्रदर्शन के दौरान छात्रा के घायल होने की फर्जी खबरें पोस्ट कीं. भारतीय सुरक्षा बलों के संज्ञान में आते ही उन्होंने इसे तुरंत खारिज कर दिया. एजेंसियों ने ऐसे सोशल मीडिया हैंडल्स की पूरी सूची बनाई है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सूचित कर दिया है.
भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए झूठी खबरें फैलाने के पाकिस्तान के तरीके को देखते हुए सुरक्षा इकाइयों की सोशल मीडिया इकाइयां इस क्षति को रोकने के लिए काम कर रही है. गृह मंत्रालय और स्थानीय पुलिस ने लोगों से पाकिस्तान के फर्जी ट्वीट्स और प्रोपेगेंडा को नजरंदाज करने के लिए कहना शुरू कर दिया है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए दिशानिर्देश जारी कर सोशल मीडिया पर हिंसा फैलाने वाली फर्जी खबरों और अफवाहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है.