यमन के हुती विद्रोहियों द्वारा सउदी अरब (Saudi Arabia) में विश्व के सबसे बड़े तेल शोधन संयंत्र और एक प्रमुख तेल क्षेत्र पर शनिवार को किए गए ड्रोन हमले से भड़की आग के चलते सउदी अरब की आधी से अधिक तेल आपूर्ति बाधित हो गयी है. सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है.
बताया गया है कि पिछले कुछ सप्ताह से सउदी अरब के तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हमले की कई घटनाएं हुई हैं. ताजा हमला सबसे अधिक क्षतिकारक साबित हुआ है. इसके कारण वैश्विक कच्चा तेल आपूर्ति को लेकर चिंताएं उठने लगी हैं. ईरान और अमेरिका के बीच पहले से जारी तनाव के बीच खाड़ी क्षेत्र में तनाव के और बढ़ जाने की आशंका भी गहराने लगी है.
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सउदी अरब के सरकारी सउदी प्रेस एजेंसी ने तेल मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान (Abdulaziz Bin Salaman) के हवाले से कहा कि इस हमले से अब्कैक तेल प्रसंस्करण संयंत्र और खुरैस तेल क्षेत्र में अस्थायी तौर पर उत्पादन रोक दिया गया है.
बयान में कहा गया कि आग को नियंत्रित कर लिया गया है और कोई भी श्रमिक इससे प्रभावित नहीं हुआ है. बयान के अनुसार, इस हमले के कारण 57 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होने का अनुमान है. बयान में कहा गया कि अरामको अगले 48 घंटे में आगे की जानकारी मुहैया कराएगी.
यमन में ईरान समर्थक हुती विद्रोहियों ने शनिवार को सऊदी में दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमलों की जिम्मेदारी ली थी. समूह के अल-मसीरा टीवी ने यह जानकारी दी. अल-मसीरा ने कहा कि विद्रोहियों ने 10 ड्रोन विमानों के साथ बड़ा अभियान छेड़ा और इस दौरान पूर्वी सऊदी अरब में अब्कैक और खुरैस में संयंत्रों को निशाना बनाया गया.
इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया. पोम्पिओ ने कहा, ‘‘यह हमला यमन से होने का कोई सबूत नहीं मिला है. ईरान ने अब वैश्विक कच्चा तेल आपूर्ति पर अप्रत्याशित हमला किया है.’’ अमेरिका का मुख्य सहयोगी सऊदी अरब लगातार ईरान पर हुती विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाता आया है. वहीं ईरान इन आरोपों से इनकार करता रहा है.