नई दिल्ली: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की मौत की खबर इस वक्त सनसनी बनी हुई है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि कराची में एक अज्ञात शख्स ने दाऊद को जहर दिया जिसके बाद उसकी हालत खराब हो गई है और इसके अस्पताल में भर्ती किया गया है. सोशल मीडिया पर तो दाऊद इब्राहिम की मौत होने तक का भी दावा किया गया. भारत और पाकिस्तान में राजनीतिक प्रतिष्ठान, खुफिया विभाग और मीडिया में अटकलें हैं कि भगोड़े आतंकवादी दाऊद इब्राहिम कास्कर को 26 दिसंबर को उसके 68वें जन्मदिन से लगभग एक सप्ताह पहले कथित तौर पर कराची के एक अस्पताल में जहर दिया गया है. छह साल बाद जिहादियों की कैद से रिहा हुआ दक्षिण अफ्रीकी.
सबसे पहले चर्चा रविवार शाम को मुंबई में शुरू हुई, लेकिन पुलिस और खुफिया हलकों ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया, हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि पड़ोसी देश से आने वाली इस तरह की सभी प्रकार की रिपोर्टों पर लगातार नजर रखी जा रही है.
दाऊद इब्राहिम का अंत?
MORE INFORMATION ON DAWOOD POISONING REPORT: Pakistan provides security for the Dawood family. Javed Miandad, a close relative of Dawood also given high security: Report.
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— Republic (@republic) December 18, 2023
सोमवार की सुबह, पाकिस्तान के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि रविवार को दाउद के कराची के एक अस्पताल में भर्ती होने की रिपोर्ट आने के बाद इंटरनेट, फेसबुक, एक्स आदि कथित तौर पर बंद हो गए. मुंबई और नई दिल्ली में पुलिस और खुफिया अधिकारियों ने अब तक स्थिति पर चुप्पी साध रखी है और दावा किया है कि ऐसी कई रिपोर्टें हैं, जो नियमित रूप से सामने आती रहती हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर झूठी अफवाहें हैं.
मोस्ट वांटेड आतंकवादी माने जाने वाले दाउद पर भारत मुंबई और अन्य जगहों पर कई अपराधों, आतंकवादी कृत्यों, नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का आरोप है. जिन प्रमुख मामलों में भारत उसे चाहता है, उनमें 12 मार्च, 1993 का मुंबई सिलसिलेवार विस्फोट शामिल है - जिसे भारत में अब तक का सबसे भयानक आतंकवादी हमला माना जाता है. इसमें 267 लोग मारे गए थे.
महाराष्ट्र पुलिस को उसके गिरफ्तार भाइयों के बयानों के अनुसार, लगभग सात साल पहले इसकी पुष्टि हुई थी कि दाऊद कराची का स्थायी निवासी हो गया है, जो उच्च सुरक्षा के बीच पॉश सदर उपनगर में एक आलीशान बंगले में रहता था.
हालांकि, वह कुछ वर्षों से डिप्रेशन में था, जब उसका एकमात्र बेटा मोइन नवाज (37) ने मौलाना-सह-उपदेशक बनने के लिए आध्यात्मिकता का जीवन चुना, इससे उनके कुख्यात पिता दाऊद के साम्राज्य और विरासत पर सवालिया निशान लग गए.
(इनपुट IANS)