इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इस समय सियासी तूफान मचा हुआ है. इस बीच इमरान खान (Imran Khan) रविवार को अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ सकते हैं. हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या आज पाकिस्तान (Pakistan) में तख्ता पलट हो जाएगा? आज का दिन पाकिस्तान की सियासत के लिए बहुत बड़ा दिन है. हालांकि इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. पाकिस्तान की एसेंबली में 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है. उससे पहले इमरान खान आज इस्लामाबाद में एक बड़ी रैली करने वाले हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक रैली के दौरान इमरान खान इस्तीफा दे सकते हैं. Pakistan: इमरान खान का जाना लगभग तय! सत्ताधारी PTI के सांसदों ने पीएम के 'माफी' प्रस्ताव को ठुकराया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को परेड ग्राउंड में आयोजित रैली के लिए अपने खास संदेश में लोगों से जनसभा के लिए जल्दी पहुंचने का आग्रह करते हुए कहा, "आज का दिन पाकिस्तान की लड़ाई का है, पीटीआई का नहीं." उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के भविष्य के लिए एक लड़ाई है और लोगों से पाकिस्तान के इतिहास को फिर से लिखने के लिए अपने घरों से बाहर आने का आग्रह किया.
उन्होंने नागरिकों से जल्द से जल्द घर से बाहर निकलने का आग्रह किया, ताकि वे समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें. इससे पहले 24 मार्च को, खान ने पिछले 30 वर्षों से पाकिस्तान पर शासन करने वाले 'डकैतों' के खिलाफ सरकार के रुख को बहाल करने के लिए 27 मार्च को राष्ट्र को अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.
टेलीविजन, सोशल मीडिया और रेडियो पर प्रसारित राष्ट्र के लिए एक खास संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा था कि पिछले 30 वर्षों से देश को लूट रहे 'डाकुओं के समूह' ने 'चुने हुए जनप्रतिनिधियों के जमीर की नीलामी' में हाथ मिलाया है. उन्होंने कहा, "वे सार्वजनिक रूप से इसका अभ्यास कर रहे हैं। पाकिस्तान के लोगों को 27 मार्च को उनके साथ जुड़कर अपना संदेश देना चाहिए कि राष्ट्र बुराई के खिलाफ है."
उन्होंने कहा था कि लोगों को विपक्ष को बताना चाहिए कि काले धन से खरीद-फरोख्त की जा रही हरकत 'अस्वीकार्य' है, ताकि अगली बार कोई भी इस तरह के अपराध करने की हिम्मत ना करे.
इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 3 या 4 अप्रैल को होने की संभावना है, जो इसमें और देरी का संकेत देता है. उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को अधिक समर्थन हासिल करने में मदद करने के लिए विपक्ष को 'मूर्ख' भी करार दिया.