इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले माफी की पेशकश को खारिज करते हुए सत्तारूढ़ पीटीआई (PTI) के असंतुष्ट सांसदों ने पार्टी में फिर से शामिल होने से इनकार कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई के अल्पसंख्यक विधायक (Minority MLA) डॉ रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के असंतुष्ट एमएनए (MNA) की संख्या बढ़कर 35 हो गई है, जिसमें से कोई भी पीटीआई में फिर से शामिल नहीं होगा. Pakistan: पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, 25 मार्च को नेशनल एसेंबली की बैठक बुलाई गई
रमेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को सही दिशा में ले जाने के लिए स्थिरता जरूरी है. असंतुष्ट विधायक ने कहा कि उन्होंने सभी मुद्दे प्रधानमंत्री के सामने रखे, लेकिन अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तीन या चार असंतुष्ट आरक्षित सीटों पर चुने गए, जबकि शेष सभी वरिष्ठ राजनेता हैं. उन्होंने कहा, "अगर आजीवन अयोग्यता का मुद्दा है, तो वे फिर से चुनाव लड़ना पसंद करेंगे."
पीटीआई नेताओं और समर्थकों द्वारा उनके खिलाफ इस्तेमाल की जा रही अनुचित भाषा पर अफसोस जताते हुए असंतुष्ट नूर आलम खान ने कहा कि वह अभद्र भाषा के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
उन्होंने कहा कि वे राजनीतिक लोग हैं जो दुश्मनी मोल नहीं लेते. उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को यह टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद दिया कि अदालत किसी भी सदस्य को विधानसभा में मतदान करने से नहीं रोकेगी.
एक अन्य पीटीआई असंतुष्ट अहमद हुसैन डेहर ने कहा कि सांसदों को अभी तक धन आवंटित नहीं किया गया है. ऐसे में सरकार असंतुष्टों पर पार्टी छोड़ने के लिए पैसे लेने का आरोप कैसे लगा सकती है?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने छह महीने पहले पीएमएल-एन के सात सांसदों की वफादारी जीतने पर कितना पैसा खर्च किया. उन्होंने कहा कि सब कुछ पैसे के लिए नहीं है. वह न तो सिंध हाउस गए और न ही विपक्षी नेताओं से मिले. रिपोर्ट में कहा गया है कि डेहर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री उनकी समस्याएं नहीं सुनते और जब वोट की जरूरत होती है, तभी उन्हें याद करते हैं.