अफगानिस्तान की पॉप स्टार Aryana Sayeed ने बताया तालिबान की कथनी और करनी में फर्क, पाकिस्तान को भी सुनाई खरीखोटी
अफगानिस्तान की पॉप स्टार आर्यना सईद ने तालिबान पर साधा निशाना (Photo Credits: Instagram)

काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे से मची अफरा-तफरी के बीच अफगान पॉप स्टार आर्यना सईद (Aryana Sayeed) ने तालिबान के साथ ही पाकिस्तान की भी पोल खोली है. अमेरिका की सेना वापसी के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा “सुपर पावर देशों ने वहां जाकर कहा कि वहां जाने की वजह अलकायदा और तालिबान से छुटकारा पाना है. 20 साल वहां रहने और लाखों डॉलर खर्च करने, सैनिकों की जान गंवाने के बाद अचानक उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने का फैसला किया, यह चौंकाने वाला है.”

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आर्यना सईद ने महिलाओं के भविष्य पर चिंता जताई और कहा “मैं उन महिलाओं के लिए चिंतित हूं जो घरों के अंदर फंस जाएंगी और उन्हें सड़क पर बाहर जाने जैसे उनके बुनियादी अधिकार नहीं दिए जाएंगे. अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के हाथ में रहा तो अफ़ग़ान महिलाओं का कोई भविष्य नहीं है.”

पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए अफगान पॉप स्टार ने कहा “उन्हें पाकिस्तान द्वारा निर्देश दिए जा रहे हैं, उनके ठिकाने पाकिस्तान में हैं जहां उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है. मुझे उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपने फंड में कटौती करेगा और पाकिस्तान को फंड नहीं देगा ताकि तालिबान को फंड करने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसा न हो.”

उन्होंने आगे कहा “सालों से अब तक हमने ऐसे वीडियो और सबूत देखे हैं कि तालिबान को सशक्त बनाने के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. मैं उन्हें दोष देती हूं और मुझे उम्मीद है कि वे पीछे हटेंगे और अफ़ग़ानिस्तान की राजनीति में अब और दखल नहीं देंगे.”

उन्होंने अफगानिस्तान और भारत की दोस्ती को लेकर कहा "पूरे अफगानिस्तान की ओर से मैं भारत के प्रति अत्यंत आभार व्यक्त करना चाहता हूं और मैं धन्यवाद कहना चाहती हूं. इन वर्षों में हमने महसूस किया है कि हमारे पड़ोस में एकमात्र अच्छा दोस्त भारत है."

उल्लखनीय है कि तालिबान पहले से ही भारत में सक्रिय कई आतंकवादी समूहों की ओर हाथ बढ़ा रहा है. कुछ ऐसे समूह पश्चिम बंगाल में भी काफी सक्रिय हैं. ऐसा ही एक समूह अंसार-उल-बांग्ला टीम (एबीटी) है, जिसे हाल ही में अंसार-उल-इस्लाम नाम दिया गया है. इस संगठन के शीर्ष अधिकारी अल-कायदा की बांग्लादेश शाखा से होने का दावा करते हैं और वे बांग्लादेश में कई ब्लॉगर्स की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं. हालांकि यह समूह बांग्लादेश में 2007 से काम कर रहा है, लेकिन 2013 में बांग्लादेश सरकार द्वारा इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था. हालांकि, एक नए नाम वाला संगठन राज्य की खुफिया एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गया है.