वाशिंगटन, 1 सितंबर: अफगानिस्तान (Afghanistan) में लगभग 20 साल तक आतंकियों से लोहा के बाद अमेरिकी सेना (United States Army) अपने देश के लिए प्रस्थान कर चुकी है. अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से वापसी के बाद मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने देश को संबोधित करते हुए कहा, जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसके अलावा उन्होंने अफगानिस्तान से सैन्य वापसी के फैसले को पूरी तरह से सही ठहराते हुए अमेरिकी सेना की जमकर सराहना की.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, अफगानिस्तान से सेना को बुलाने का फैसला लोगों, सैन्य सलाहकारों, सेवा प्रमुखों और कमांडर्स की सर्वसम्मत सिफारिश के आधार पर लिया गया है. उन्होंने अपना विचार साझा करते हुए कहा, कुछ लोग कह रहे हैं हमें इस मिशन को और जल्द शुरू कर देना चाहिए था. मैं इससे पूरी तरह असहमत हूं. अगर हम ऐसा पहले करते तो यह हड़बड़ी होती और मामला गृहयुद्ध के रूप में बदल जाता.
I believe this is the 'right decision, wise decision and the best decision'. The war in Afghanistan is now over. I am the fourth president to have faced this issue on how to end this war... I made a commitment to Americans to end this war, I honoured it: US President Joe Biden pic.twitter.com/8SwnkioDk0
— ANI (@ANI) August 31, 2021
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जो बाइडेन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, हमारा कभी भी अफगानिस्तान में राष्ट्र निर्माण का लक्ष्य नहीं था. दरअसल अमेरिकी सेना की वापसी के फैसले के बाद तालिबान ने जिस तेजी से पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया और काबुल एयरपोर्ट पर बड़ा आत्मघाती हमला किया, इसे लेकर बाइडेन की जमकर आलोचना हो रही है. काबुल एयरपोर्ट पर हुए तालिबानी हमले में 170 लोगों की मौत हो गई जिसमें 13 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे.
बता दें कि अमेरिकी सेना ने अपने इतिहास का सबसे लंबा युद्ध अफगानिस्तान में लड़ा है. इससे पहले अमेरिकी सेना ने वियतनाम के खिलाफ पांच महीनें तक युद्ध लड़ा था.