Chandrayaan 4: भारतीयों को चंद्रमा पर भेजेगा इसरो? चंद्रयान-4, वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को मिली कैबिनेट की मंजूरी
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Chandrayaan 4: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कई प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों को मंजूरी दिए जाने की घोषणा की है. इसमें चंद्रयान 4, वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाना शामिल हैं. इन भावी मिशनों को सहायता प्रदान करने के लिए एक नई पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहन को मंजूरी दी गई है, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा तक अधिकतम 30 टन का पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'चंद्रयान 4' मिशन के जरिए चांद पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद धरती पर लौटने की तकनीक विकसित की जाएगी. साथ ही चांद के नमूने एकत्र किए जाएंगे, ताकि धरती पर उसका विश्लेषण किया जा सके.

वहीं वीनस ऑर्बिटर मिशन के जरिए वैज्ञानिक शुक्र ग्रह के वातावरण, भूविज्ञान और उसके घने वातावरण की जांच कर उसे बेहतर ढंग से समझने और खोजबीन कर बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक डेटा तैयार करने की कोशिश करेंगे.

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चंद्रयान-4 और वीनस ऑर्बिटर मिशन को मिली कैबिनेट की मंजूरी

नए उपक्रमों के बारे में बोलते हुए, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, "चंद्रयान 4 मिशन का मुख्य लक्ष्य चंद्रमा पर जाने और फिर वापस आने की तकनीक का प्रदर्शन करना है। वापस आना इसका मुख्य आकर्षण है, चंद्रयान-3 द्वारा वहां उतरना पहले ही प्रदर्शित किया जा चुका है। यदि आपको 2040 के अंत में किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेजना है, जो हमारे प्रधानमंत्री का विजन है, तो हमें तकनीक में विश्वास रखने की आवश्यकता है... भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए , हाँ, इसके लिए एक समयसीमा है - प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया लक्ष्य 2035 है। हमारी योजना यहाँ 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले मॉड्यूल BAS-1 को लॉन्च करने की है..."

बता दें, चंद्रयान 3 एक बड़ी सफलता थी और उसी के आधार पर अगला कदम चांद पर मानवयुक्त मिशन भेजना है. इसके लिए सभी प्रारंभिक कदमों को आज मंजूरी दे दी गई है.