2023 Warmest Year: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने दुबई में चल रहे COP28 Climate Summit में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल रहा है. जिसकी वजह से पूरी दुनिया प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रही है. WMO ने स्पष्ट किया है कि 2023 ऑन रिकॉर्ड सबसे गर्म रहा है. यह पिछले 170 सालों में 1.40 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा. इससे पहले 2020 और 2016 को सबसे गर्म कहा गया था.
इस भीषण गर्मी की वजह El Nino है. यह साल 2023 में उत्तरी गोलार्ध में तेजी से उभरा और गर्मियों तक फैल गया. यह 2024 में भी गर्मी बढ़ाएगा. WMO के महासचिव प्रो. पेटेरी टालस ने कहा कि इस समय ग्रीनहाउस गैसों और वैश्विक तापमान की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ी हुई है. Volcano Eruption in Japan Videos: इवो जीमा द्वीप पर ज्वालामुखी फटा, आसमान में उड़ती हुई राख का वीडियो वायरल
प्रो. पेटेरी टालस ने बताया कि समुद्री जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. अंटार्कटिका की समुद्री बर्फ भी तेजी से पिघल रही है. समुद्री जलस्तर 2013-2022 के बीच 1993-2002 की तुलना में दोगुना तेजी से बढ़ा है. अंटार्कटिका में 10 लाख वर्ग किलोमीटर बर्फ पिघल गई. ये फ्रांस और जर्मनी के संयुक्त क्षेत्रफल के बराबर है. उधर अमेरिका और यूरोप के उत्तरी इलाकों में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. स्विट्जरलैंड के ग्लेशियर पिछले दो साल में 10 फीसदी से भी ज्यादा पिघल चुके हैं. आर्कटिक समुद्र में मौजूद बर्फ भी सामान्य स्थिति से नीचे है. जो की पिघल रही है.
साल 2023 में दुनिया को प्राकृतिक आपदा, बिना चेतावनी आने वाली मुसीबत, फ्लैश फ्लड, साइक्लोन, भयानक गर्मी, सूखा और जंगल की आग का सामना करना पड़ा. साइक्लोन डैनियल ने ग्रीस, बुल्गारिया, तुर्की और लीबिया में तबाही मचाई. फ्रेडी साइक्लोन दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला चक्रवाती तूफान रहा.
बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन मोचा ने भारी तबाही मचाई. यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में भीषण गर्मी से लोग हलकान रहे. मोरक्को के अगादीर में अधिकतम तापमान 50.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचे गया. वहीं कनाडा के जंगलों में भयानक आग लगी. दूसरी तरफ हवाई में लगी आग से 99 लोग मारे गए. ग्रेटर हॉर्न ऑफ अफ्रीका में एक के बाद एक करके पांच बार सूखा पड़ा. मध्य और दक्षिण अमेरिका में लंबे समय से सूखे की हालत है. दुबई में इस साल अचानक भारी बारिश हुई, जिसकी वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए.
जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी, तूफान, जंगल की आग और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ अधिक बार और तीव्र हो गई हैं. ये घटनाएं विनाश का कारण बन सकती हैं. इन चुनौतियों से निपटने के प्रयासों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन, संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने और जलवायु अनुकूलन और लचीलेपन के लिए रणनीतियों को लागू करने के लिए वैश्विक सहयोग शामिल है.