नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि देश न केवल 2029 तक सेमीकंडक्टर की अपनी मांग को पूरा करेगा, बल्कि "एक साल में 300 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप्स" का निर्माण करते हुए उनका निर्यात भी शुरू कर देगा.
मंत्री ने कहा कि भारत अब ऐसी स्थिति में है जहां डिजाइन को असेंबली, परीक्षण, मार्किंग, पैकेजिंग (एटीएमपी) और निर्माण क्षमताओं द्वारा पूरा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "यह पूरी सेमीकंडक्टर श्रृंखला को भारत में लाएगा."
मंत्री ने कहा, "हमारी (सेमीकंडक्टर) आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारत में बनाया जाएगा. हम भी प्रमुख निर्यातक बन जाएंगे, जैसे हम मोबाइल फोन के प्रमुख निर्यातक बन गए हैं.''
उद्योग सूत्रों के अनुसार, देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए लगभग 26 अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव वर्तमान में सरकार के पास हैं. यह भी पढ़े :Global Chip Manufacturing Hub: भारत का ग्लोबल चिप मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरना कोई दूर का सपना नहीं- इंडस्ट्री
सरकार द्वारा 18 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें 1.3 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन (फैब) विनिर्माण परियोजनाएं शामिल हैं जिनकी घोषणा इस सप्ताह की गई थी.
गुजरात में 22,500 करोड़ रुपये के माइक्रोन सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली भारत निर्मित चिप इस साल दिसंबर में आने वाली है.
वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि कम से कम आठ बड़ी निवेश कंपनियां तेजी से डिजिटल परिवर्तन और नए अवसरों के बीच दूरसंचार क्षेत्र में अवसर तलाश रही हैं.
अधिक से अधिक निवेशक देश को निवेश के लिए उभरते बाजार के रूप में देख रहे हैं.