Global Chip Manufacturing Hub: भारत का ग्लोबल चिप मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरना कोई दूर का सपना नहीं- इंडस्ट्री
Global Chip Manufacturing Hub

नई दिल्ली, 1 मार्च : टॉप इंडस्ट्री संस्थाओं ने शुक्रवार को 1.3 लाख करोड़ रुपए की तीन सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन (फैब) विनिर्माण परियोजनाओं (मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट्स) को मंजूरी देने के सरकार के फैसले की सराहना की. साथ ही कहा, ''देश का ग्लोबल सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरना 'अब कोई दूर का सपना नहीं लगता है'.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी, जिनका निर्माण अगले 100 दिनों के भीतर शुरू हो जाएगा. 20 हजार एडवांस प्रौद्योगिकी नौकरियों और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष नौकरियों का सीधे रोजगार पैदा होगा. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने आईएएनएस को बताया, ''2027 तक, भारत में फैब और आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) इकाइयों का उत्पादन होगा." यह भी पढ़ें : Paytm पेमेंट्स बैंक ग्राहकों की शिकायतों का कम समय में करता है कुशल समाधान

चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, ''दशक के अंत तक, कई सेमीकंडक्टर उत्पाद डिजाइन कंपनियों के अलावा, हमारे पास उत्पादन में 10 से अधिक फैब्स और 20 ओएसएटी इकाइयां हो सकती हैं." 50 हजार वेफर्स प्रति माह क्षमता वाला सेमीकंडक्टर फैब, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) द्वारा पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी), ताइवान के साथ साझेदारी में गुजरात के धोलेरा में स्थापित किया जाएगा. इस फैब का निर्माण 91 हजार करोड़ रुपये के निवेश से किया जाएगा.

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एस.पी. कोचर के अनुसार, सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत तीन इकाइयों की स्थापना को मंजूरी एक सकारात्मक एवं सराहनीय प्रगति है. एस.पी. कोचर ने कहा, "यह हमारे प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भरता' के दृष्टिकोण के अनुरूप आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में हमारे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा. ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन हब बनने के भारत के लक्ष्यों को और प्रेरित करेगा."

इसके अलावा, इन सुविधाओं से होने वाले उत्पादन से विभिन्न सेक्टरों और सेगमेंट को फायदा होने की उम्मीद है. इससे रोजगार पैदा करने और देश में अधिक निवेश आकर्षित करने के अलावा, तकनीकी कौशल में वृद्धि और स्वदेशी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की उन्नति के माध्यम से 'डिजिटल इंडिया' मिशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. चिप डिजाइन में भारत के पास पहले से ही गहरी क्षमताएं हैं. इन इकाइयों से देश चिप निर्माण की क्षमता विकसित करेगा.