मुंबई, 8 फरवरी : आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को डिपोजिट स्वीकार करने से रोकना एक कार्रवाई का हिस्सा है और प्रतिबंध स्थिति की गंभीरता के अनुपात में है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने साफ किया कि इस तरह की कार्रवाई कई महीनों की बातचीत के बाद की गई है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सिस्टम की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संस्थाओं को सुधार करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह एक खास संस्थान से जुड़ा मामला है और पूरे सिस्टम को लेकर कोई चिंता की बात नहीं है. दास ने संवाददाताओं से कहा, "पेटीएम मुद्दे पर बात करते हैं. पूरे सिस्टम के बारे में कोई चिंता नहीं है. यह एक विशिष्ट संस्थान से जुड़ा मुद्दा है."
दास ने कहा, "नियम लागू हैं. यह नियामकीय कमी का मामला नहीं है. यह विभिन्न मापदंडों के अनुपालन का मुद्दा है. मैं ज्यादा जानकारी नहीं देना चाहता." उन्होंने कहा कि जो प्रतिबंध लगाए गए हैं वे स्थिति की गंभीरता के अनुरूप हैं और एक जिम्मेदार नियामक को सिस्टम के अनुसार और ग्राहकों के सर्वोत्तम हित में सभी कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय व्यवस्था को लेकर फिलहाल कोई चिंता नहीं है. हालांकि, दीर्घकालिक प्रभाव के कारण व्यक्तिगत संस्थाओं को सावधान रहना चाहिए. यह भी पढ़ें : बांग्लादेशी घुसपैठियों पर नियंत्रण के लिए झारखंड में सबसे पहले लागू हो एनआरसी: भाजपा सांसद दुबे
दास ने बताया कि विनियमित इकाई के साथ बातचीत उनमें सुधार करने के मकसद से किया गया है. हालांकि, यदि यह काम नहीं करता है, या जब विनियमित इकाई सुधारात्मक उपाय नहीं करती है, तो नियामक को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि आरबीआई वित्तीय प्रणाली में नवाचार और प्रौद्योगिकी को समर्थन और प्रोत्साहित करना जारी रखेगा. दास ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सवालों के जवाब देने के लिए अगले सप्ताह किसी समय एक एफएक्यू जारी किया जाएगा.