Accenture Layoffs For Lacking AI Skills: टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ी हलचल मची हुई है. दुनिया की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनियों में से एक, एक्सेंचर (Accenture) ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. कंपनी उन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए दोबारा ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती.
AI नहीं सीखा तो नौकरी से 'Exit'
एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट ने साफ-साफ कह दिया है कि कंपनी खुद को AI की दुनिया के लिए पूरी तरह से बदल रही है. उन्होंने कहा, "हम एक्सेंचर के काम करने का तरीका, जो सर्विस हम बेचते हैं, और जैसे हम पार्टनरशिप करते हैं, सब कुछ बदल रहे हैं. हम अपने कर्मचारियों को नए स्किल्स सिखाने में निवेश कर रहे हैं, यही हमारी सबसे बड़ी रणनीति है."
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ी बात भी कही, "जिन लोगों को हमारे अनुभव के आधार पर नए स्किल्स के लिए दोबारा ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती, हम उन्हें बहुत कम समय में कंपनी से बाहर कर रहे हैं."
इसका सीधा मतलब है कि अगर कोई कर्मचारी AI से जुड़ी नई चीजें सीखने में सक्षम नहीं है, तो एक्सेंचर उसे लंबे समय तक कंपनी में नहीं रखेगी. यह फैसला बहुत तेजी से लागू किया जा रहा है.
ये सामान्य छंटनी नहीं है
कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ने बताया कि यह छंटनी इसलिए नहीं हो रही है कि कर्मचारियों के पास काम नहीं है. यह एक रणनीतिक फैसला है, जो स्किल्स की कमी से जुड़ा है. कंपनी को ऐसे लोगों की जरूरत है जो AI के दौर में काम कर सकें, और जिनके पास ये स्किल्स नहीं हैं, उन्हें जाना होगा.
यह सब कंपनी के एक बड़े "बिजनेस ऑप्टिमाइजेशन प्रोग्राम" का हिस्सा है, जिसमें कुछ गैर-जरूरी हिस्सों को बेचना भी शामिल है.
कितने लोगों पर पड़ेगा असर?
आंकड़ों पर नजर डालें तो एक्सेंचर में कर्मचारियों की संख्या पहले ही कम हो चुकी है. 31 अगस्त 2025 तक कंपनी में 7,79,000 कर्मचारी थे, जो तीन महीने पहले 7,91,000 थे. कंपनी ने साफ किया है कि छंटनी का यह दौर सितंबर से नवंबर 2025 के बीच भी जारी रहेगा.
कंपनी का बड़ा पुनर्गठन प्लान
एक्सेंचर का यह पूरा प्लान छह महीने का है, जिसके दो मुख्य हिस्से हैं:
- तेजी से टैलेंट बदलना: जिन लोगों को AI के लिए तैयार नहीं किया जा सकता, उन्हें जल्दी से नौकरी से निकालना और उनकी जगह नए स्किल वाले लोगों को लाना.
- गैर-जरूरी संपत्ति बेचना: कंपनी के उन हिस्सों को बेचना या बंद करना, जो अब कंपनी के ग्रोथ मॉडल में फिट नहीं बैठते.
इस पूरे प्लान पर कंपनी लगभग 865 मिलियन डॉलर खर्च कर रही है, जिसमें निकाले गए कर्मचारियों को दिए जाने वाले हर्जाने (सेवरेंस कॉस्ट) का एक बड़ा हिस्सा शामिल है. कंपनी यह सब इसलिए कर रही है ताकि वह अपना मुनाफा बढ़ा सके और AI की इस नई दौड़ में सबसे आगे बनी रहे.













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