निस्संदेह, सूर्यकुमार यादव ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टी20 विश्व कप की कहानी लिख रहे हैं। सही मायने में 360-डिग्री खिलाड़ी, जो मैदान के सभी हिस्सों में रन बना सकते हैं. सूर्यकुमार कुछ इस तरह से शॉट्स लगा रहे हैं, जो कोचिंग मैनुअल में नहीं देखे जाते हैं. रविवार को जिम्बाब्वे पर भारत की 71 रन की जीत में सूर्यकुमार ने शानदार बल्लेबाजी की, जहां उन्होंने स्कूप शॉट के साथ गेंद को बाउंड्री पार भेजते देखे गया, जिससे उन्हें महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर से प्रशंसा मिली, जो उस समय कमेंट्री पर थे. यह भी पढ़ें: शेन वाटसन भी रोहित की सेना को पाक से भिड़ता देखने की रखते है चाहत, 2007 में भी हुआ था ऐसा ही
भारत की पारी की आखिरी गेंद पर, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 82,000 दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते हुए, रिचर्ड नगारवा ने एक वाइड यॉर्कर फेंकने का प्रयास किया था. यह देखकर सूर्यकुमार ने उसे स्कूप शॉट खेलते हुए सीमा पार पहुंचा दिया.
उस छक्के के साथ उन्होंने 25 गेंदों में 61 रनों की नाबाद पारी खेली। सूर्यकुमार ने डेथ ओवरों की बल्लेबाजी मास्टरक्लास में 244 के स्ट्राइक रेट से छह चौके और चार छक्के लगाए, जिससे मैच का पासा ही पलट गया.
उन्होंने स्कूप शॉट खेलने के लिए रबर-बॉल क्रिकेट को श्रेय दिया.
उन्होंने कहा, "आपको समझ में आ गया कि उस समय गेंदबाज क्या गेंदबाजी करने जा रहा है, जो उस समय थोड़ा पूर्व निर्धारित होता है. मैंने उस स्ट्रोक का बहुत अभ्यास किया है जब मैं रबर-बॉल क्रिकेट खेलता था. इसलिए, आपको यह सोचना है कि गेंदबाज उस समय क्या गेंदबाजी करने वाला है."
सूर्यकुमार ने स्टार स्पोर्ट्स पर 'फॉलो द ब्लूज' शो पर उस स्कूप शॉट के बारे में बताया, "अगर मैदान में होता हूं, तो सीमाओं को समझता हूं. इसके बाद मुझे लगता है कि यह सिर्फ 60-65 मीटर है और गेंद की गति के साथ मैं शॉट लगाने की कोशिश करता हूं."
रविवार के मैच के दौरान, शीर्ष क्रम के टी20 बल्लेबाज सूर्यकुमार, पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान के बाद एक कैलेंडर वर्ष में 1000 से अधिक टी20 रन करने वाले पहले भारतीय और दुनिया के केवल दूसरे खिलाड़ी बन गए, इसके अलावा 2022 में इस प्रारूप में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बने.
उन्होंने आगे बताया कि कैसे वह बड़े मैचों में दबाव की स्थितियों को संभालते हैं और भारत को जीत के लिए प्रेरित करने के लिए मैदान के चारों ओर रन बनाने की कोशिश करते हैं.
उन्होंने कहा, "जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं, तो मैं बस कुछ चौके लगाने की कोशिश करता हूं या यहां तक कि अगर मुझे वह नहीं मिलता है, तो मैं बस कोशिश करता हूं और विकेटों के बीच जितना संभव हो उतना दौड़ कर रन बनाता हूं."