Sivaramakrishnan On Washington Sundar: पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी शिवरामकृष्णन ने कहा, वाशिंगटन सुन्दर एक बहुमूल्य खिलाड़ी
वाशिंगटन सुंदर

नई दिल्ली, 3 दिसम्बर : वर्ष 2022 ऐसा साल रहा है जहां चोटों ने वाशिंगटन सुन्दर (Washington Sundar) को भारत की तरफ से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने से रोका है लेकिन चेन्नई स्थित इस युवा खिलाड़ी ने जो मैच खेले हैं उनमें बल्ले और गेंद से ऐसी झलक दिखाई है जिससे लोगों को भरोसा होने लगा है कि वह भारत के लिए विशुद्ध आलराउंडर हैं. भारत की हॉल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज ने सुन्दर की आलराउंड क्षमता को पूरी तरह उभारा है.

आकलैंड में सुन्दर ने 16 गेंदों में 37 रन बनाकर भारत को 300 के पार पहुंचाया था. क्राईस्टचर्च में सुन्दर ने 64 गेंदों में 51 रन बनाये और भारत को 200 के पार पहुंचाया. सुन्दर को हालांकि सीरीज में एक भी विकेट नहीं मिला लेकिन उनकी इकोनॉमी दर 4.46 के साथ सर्वश्रेष्ठ थी. पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन के अनुसार, वाशिंगटन ऐसा कीमती पत्थर हैं जिन्हें तराशा जाना चाहिए और वह स्पिन आलराउंडर बनने के लिए ज्यादा उपयुक्त हैं. उन्होंने कहा, "यदि आप हार्दिक पांड्या को तेज गेंदबाजी आलराउंडर मानते हैं तो हम वाशिंगटन सुन्दर को स्पिन गेंदबाजी आलराउंडर कह सकते हैं." यह भी पढ़ें : Aus vs WI Test Series: कमिंस को मांसपेशियों में खिंचाव, स्मिथ ने संभाली कप्तानी

शिवरामाकृष्णन ने सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क द्वारा आयोजित विशेष बातचीत में आईएएनएस से कहा, "दोनों टीम में पूरी तरह से फिट बैठेंगे क्योंकि दोनों बल्लेबाजी और गेंदबाजी कर सकते हैं. उनमें से एक को पांचवें गेंदबाजी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है या दोनों 10 ओवर साझा कर सकते हैं क्योंकि वे बल्ले से भी योगदान दे सकते हैं. वाशिंगटन ऐसा कीमती पत्थर हैं जो हमने खोजा है. उन्हें संभालना होगा और परिपक्व बनाना होगा."

शिवरामकृष्णन ने तुरंत यह भी याद दिलाया कि वाशिंगटन की बल्लेबाजी पहले टेस्ट में सामने आयी. उन्होंने कहा, "ब्रिस्बेन (पहली पारी में 62) और चेन्नई (नाबाद 96) को मत भूलिए. वह किसी भी परिस्थिति में बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं. चेन्नई में आप ऐसी पिचों पर खेलते हैं जहां बाल को टर्न मिलता है जबकि ब्रिस्बेन में गेंद तेजी से जाती है. उन्होंने इन दोनों स्थलों पर रन बनाये हैं. उन्होंने अपना करियर बल्लेबाज के तौर पर शुरू किया था और फिर ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करने लगे जिस तरह रविचंद्रन अश्विन करते हैं."

पूर्व लेग स्पिनर ने कहा, "आखिरी बार मैंने उन्हें एक कार्यक्रम में देखा था. वह बहुत पतले थे. अपने करियर के दौरान मैं भी पतला था लेकिन वह मुझसे भी पतले थे. लेकिन वह अब अच्छी शेप में नजर आ रहे हैं और मानसिक रूप से मजबूत हैं. जब आप मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और बहुत फिट होते हैं तो आपका आत्मविश्वास अपने आप ऊंचा हो जाता है.''