प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हम मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देते हैं. जिनका हॉकी स्टिक (Hockey Stick) के साथ उनकी जादूगीरी को कभी नहीं भुलाया जा सकता. यह परिवारों, कोचों और सहायक स्टाफ द्वारा की गई उत्कृष्ट सहायता की सराहना करने का भी दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के मौके पर देश के सभी खिलाड़ियों को बधाई दी. महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट के लिए उनकी जयंती के दिन राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को देश में मनाया जाता है.
बटा दें कि राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला लिया है कि खेल पुरस्कार और एडवेंचर की पुरस्कार राशि को बढ़ाया जाए. हमने खेल की पुरस्कार राशि को बढ़ा दिया है और एडवेंचर की पुरस्कार राशि को एक-दो दिन में बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब खेल रत्न की पुरस्कार राशि 25 लाख, अर्जुन अवार्ड की 15 लाख, द्रोणाचार्य 15 लाख, द्रोणाचार्य की पुरस्कार राशि 10 लाख और ध्यानचंद की 10 लाख है. यह भी पढ़ें:- Major Dhyan Chand 115th Birth Anniversary: मेजर ध्यानचंद के 115वें जन्मदिन पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें.
ANI का ट्वीट:-
Today, on #NationalSportsDay, we pay tributes to Major Dhyan Chand, whose magic with the hockey stick can never be forgotten. This is also a day to laud the outstanding support given by the families, coaches and support staff towards the success of our talented athletes: PM Modi pic.twitter.com/1xSW2Ch8iC
— ANI (@ANI) August 29, 2020
ANI का ट्वीट:-
Delhi: Union Sports Minister Kiren Rijiju pay floral tribute to Major Dhyan Chand on his birth anniversary today, at Major Dhyan Chand National Stadium. #NationalSportsDay pic.twitter.com/mQvm2fxh8X
— ANI (@ANI) August 29, 2020
गौरतलब हो कि ध्यानचंद का जन्म आज ही के दिन 29 अगस्त 1905 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद जिले (वर्तमान में प्रयागराज) में हुआ था. मेजर ध्यानचंद को खेल जगत में 'दद्दा' नाम से पुकारा जाता है. दादा ध्यानचंद थे जिन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था, उहोंने जर्मनी के खिलाफ छह गोल किए थे और भारत ने यह मैच 8-1 से जीता था. हिटलर ने दादा ध्यानचंद को सलाम किया और उन्हें जर्मनी की सेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया. जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था.