Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में इस बार भारत (India) के कुल 117 एथलीट नजर आएंगे. जबकि 140 सहायक स्टाफ भी ओलंपिक के लिए जाएंगे, जिसमें खेल अधिकारी भी शामिल हैं. सहयोगी स्टाफ के 72 सदस्यों को सरकार के खर्चे पर मंजूरी मिली है. पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई को होगा, जो 11 अगस्त तक चलेगा. पिछले टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत के 119 एथलीट ने हिस्सा लिया था, जिन्होंने 7 पदक जीते थे. इनमें नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) का भाला फेंक में जीता गया ऐतिहासिक गोल्ड मेडल (Gold Medal) भी शामिल है.
पहला मॉडर्न ओलंपिक खेल साल 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में खेला गया था. इसके बाद दूसरा सीजन साल 1900 में आयोजित हुआ, जिसमें भारतीय दल ने भी भाग लिया था. ऐसे में भारत ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले सबसे पुराने देशों में से एक है. इस बीच ओलंपिक इतिहास में भारत द्वारा जीते गए सभी मेडल विजेताओं की लिस्ट पर एक नजर डालते हैं. Paris Olympic 2024: जेवलिन थ्रोअर किशोर जेना पेरिस ओलंपिक में मेडल की उम्मीदे, देना चाहते है अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
भारत ने जीते हैं अब तक कुल 35 पदक
100 साल से पुराने ओलंपिक इतिहास में भारत ने अबतक कुल 35 मेडल जीते हैं. इस दौरान भारत ने 10 गोल्ड मेडल, 9 सिल्वर मेडल और 16 ब्रांज मेडल शामिल हैं. मेडल के लिहाज से भारत ने अबतक हॉकी में शानदार प्रदर्शन किया है. भारत ने 10 गोल्ड में से 8 सिर्फ पुरुष हॉकी में ही जीते हैं. इसके अलावा मुक्केबाजी, कुश्ती, टेनिस, बैडमिंटन, निशानेबाजी, एथलेटिक्स और भारोत्तोलन में भारत ने मेडल अपने नाम किए है.
पेरिस ओलंपिक 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड ने जीते थे ऐतिहासिक मेडल
भारत ने पहली बार 1900 में पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया, जिसमें नॉर्मन प्रिचर्ड ने एथलेटिक्स में 2 सिल्वर मेडल (पुरुषों की 200 मीटर और पुरुषों की 200 मीटर बाधा दौड़) अपने नाम किए थे. ओलंपिक में नॉर्मन प्रिचर्ड भारत के पहले मेडल विजेता बने थे. इसके साथ ही भारत ओलंपिक पदक जीतने वाला पहला एशियाई देश बन गया था. देश के लिए नॉर्मन प्रिचर्ड एक से ज्यादा ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय (ब्रिटिश-भारतीय) एथलीट थे.
स्वतंत्र भारत के पहले मेडल विजेता बने केडी जाधव
साल 1952 में हुए ओलंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत ओलंपिक मेडल मिला था. खसाबा दादासाहेब जाधव ने कुश्ती में नया इतिहास रचा था. पहले केडी जाधव को टीम में नहीं चुना गया था और बाद में पटियाला के महाराजा के कहने पर उन्हें टीम में शामिल किया गया था. ब्रांज मेडल जीतने वाले केडी जाधव को दोबारा ओलंपिक में खेलने का मौका नहीं मिल सका था.
पुरुष हॉकी में भारत ने जीते कुल 12 मेडल
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में अबतक कुल 12 मेडल (8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 3 ब्रांज मेडल) अपने नाम किए हैं. इस बीच भारतीय हॉकी टीम ने साल 1928 से 1956 के बीच ओलंपिक में लगातार 6 गोल्ड पदक जीतकर नया कीर्तिमान बनाया था. पिछले टोक्यो ओलंपिक में भी भारतीय हॉकी टीम ने ब्रांज मेडल जीता था. टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज मेडल के लिए मुकाबले में टीम इंडिया ने जर्मनी को 5-4 से हराया था.
लिएंडर पेस ने जीता है टेनिस का पहला मेडल
साल 1996 अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. सेमीफाइनल में लिएंडर पेस को आंद्रे अगासी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. लिएंडर पेस द्वारा जीता गया ब्रांज मेडल भारत का पहला और इकलौता ओलंपिक पदक है जो टेनिस से आया है. लगातार 3 ओलंपिक से खाली हाथ लौटने के बाद यह मेडल आया था.
वेट लिफ्टिंग में कर्णम मल्लेश्वरी और मीराबाई चानू ने जीते मेडल
कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. साल 2000 ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने वेट लिफ्टिंग में ब्रांज मेडल अपने नाम किया था. अपने इवेंट में कर्णम मल्लेश्वरी ने 240 किलो का वजह उठाया था. इसके बाद मीराबाई चानू ने वेट लिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत का खाता खोला था. बता दें कि इन दोनों के अलावा कोई अन्य खिलाड़ी वेट लिफ्टिंग में कोई मेडल नहीं जीता हैं.
इन निशानेबाजों ने जीते हैं मेडल
राज्यवर्धन सिंह राठौर निशानेबाजी में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं. राज्यवर्धन सिंह राठौर व्यक्तिगत सिल्वर मेडल जीतने वाले भी पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. साल 2004 में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने यह उपलब्धि हासिल की थी. साल 2012 ओलंपिक में गगन नारंग ने ब्रांज मेडल और विजय कुमार ने सिल्वर मैडल जीता था. विजय ने रेपिड फायर पिस्टल 25 मीटर में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. वहीं, 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में नारंग ने ब्रांज मेडल जीता था.
अभिनव बिंद्रा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल वाले पहले भारतीय बने
साल 2008 में चीन के बीजिंग में हुए ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में गोल्ड मेडल जीता था. अभिनव बिंद्रा भारत के लिए व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल वाले पहले खिलाड़ी बने थे.
सुशील कुमार ने कुश्ती में जीते 2 पदक
साल 2008 में सुशील कुमार ने कुश्ती में भारत के लिए ब्रांज मेडल जीता था। सुशील कुमार पुरुषों की 66 किग्रा वर्ग में पहले दौर में हार गए लेकिन रेपेचेज से आगे बढ़ गए. सुशील कुमार ने ब्रांज मेडल के मुकाबले में लियोनिद स्पिरिडोनोव को 3:1 से हराया था. इसके बाद सुशील कुमार ने साल 2012 में और बेहतर प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
कुश्ती में इन पहलवानों ने भी अपने नाम किया मेडल
साल 2012 में पुरुषों के 60 किग्रा भारवर्ग में योगेश्वर ने ब्रांज मेडल जीता था. वहीं, साल 2016 में साक्षी मलिक ने 58 किलोग्राम भार वर्ग में भी ब्रांज मेडल पर अपना कब्जा जमाया था. इन दोनों के अलावा साल 2020 में रवि कुमार दहिया ने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में सिल्वर मेडल और बजरंग ने 65 किग्रा में ब्रांज मेडल जीता था.
बैडमिंटन में साइना नेहवाल ने जीता मेडल
लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने महिला एकल बैडमिंटन में ब्रांज मेडल जीतकर लंदन खेलों में इतिहास रच दिया था. वांग शिन के चोटिल होने की वजह से उन्हें ब्रांज मेडल मिला था. यह बैडमिंटन में भारत का पहला मेडल था.
बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने जीते दो मेडल
पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक 2016 में महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता था. पीवी सिंधु ओलंपिक का फाइनल खेलने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं थी. इसके अलावा पीवी सिंधु ओलंपिक मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय भी थीं. पीवी सिंधु फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मारिन से 3 गेम तक चले मुकाबले में हार गईं थी. इसके बाद टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु ने ब्रांज मेडल हासिल किया था.
नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड मेडल
टोक्यो ओलंपिक के खत्म होने से एक दिन पहले भारत के नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया था. जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारत के इतिहास में सिर्फ दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीता था. नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का जैवलिन थ्रो करते हुए गोल्ड मेडल भारत के झोली में डाला था. नीरज चोपड़ा से पेरिस ओलंपिक में भी उम्मीदें रहने वाली हैं.
भारत के इन मुक्केबाजों ने जीते हैं मेडल
साल 2008 में विजेंदर सिंह ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने थे. विजेंदर सिंह ने ब्रांज मेडल जीता था. विजेंदर सिंह के अलावा कोई अन्य पुरुष मुक्केबाज कभी मेडल नहीं जीत पाया। मैरी कॉम ने लंदन में खेले गए 2012 ओलंपिक में 51 किग्रा भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए ब्रांज मेडल पर कब्जा जमाया था. इसके अलावा लवलीना बोरगोहेन ने साल 2020 के टोक्यो खेलों में ब्रांज मेडल जीता था.