सौरव गांगुली BCCI की क्रिकेट सलाहकार समिति से दे सकते हैं इस्तीफा? यह है वजह
सौरव गांगुली (Photo Credits : Getty)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सीईओ राहुल जौहरी द्वारा लोकपाल डी.के. जैन से सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के सीएसी में रहने और आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार के तौर पर नियुक्ति की जांच करने के लिए कहने के बाद गांगुली सीएसी से इस्तीफा देने को तैयार हैं. गांगुली बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य और दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार की दोहरी भूमिक निभा रहे हैं जिसे हितों के टकराव के तौर पर देखा जा रहा है. गांगुली साथ ही बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष भी हैं. इन मामले से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि गांगुली के मुताबिक किसी भी तरह से हितों का टकराव नहीं हैं. बावजूद इसके भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सीएसी से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. सीएसी में गांगुली के अलावा सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर वीवीएस. लक्ष्मण, और मुंबई इंडियंस के मेंटॉर सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं.

सूत्र ने बताया, "सौरभ ने सीएसी के साथ आखिरी बार बैठक चैम्पियंस ट्रॉफी-2017 के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की नियुक्ति के दौरान की थी. हालिया दिनों में समिति ने एक भी बैठक नहीं की है. उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह सीएसी से इस्तीफा देने को तैयार हैं ताकि हितों के टकराव का प्रश्न ही न उठे. हालांकि वह बात को लेकर उनका रुख स्पष्ट है कि किसी प्रकार से हितों का कोई टकराव नहीं है, लेकिन फिर भी वह लोकपाल से मुलाकात करेंगे और इस पर चर्चा करेंगे."

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डी.के. जैन ने गांगुली को उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल से आई तीन लोगों की हितों के टकराव संबंधी शिकायत के मद्देनजर 20 अप्रैल को उनके समक्ष पेश होने को कहा है. पश्चिम बंगाल के तीन शख्स-भास्वाती सांतु, रंजीत सील और अभिजीत मुखर्जी ने गांगुली के सीएबी के अध्यक्ष रहते ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली कैपिटल्स के मैच के दौरान ईडन गार्डन्स में दिल्ली के डगआउट में बैठने पर सवाल खड़े किए थे.

20 अप्रैल को दिल्ली अपने घर फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ खेलेगी. रोचक बात यह है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) ने जौहरी से कहा है कि वह लोकपाल से हितों के टकराव के मामले की जांच करने को कहें, जौहरी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अगर गांगुली खुले तौर पर सभी चीजें स्पष्ट करते हैं तो वह दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार बने रह सकते हैं.