आपको जानकर हैरानी होगी की एक छोटी सी फ़ील्ड पर होनेवाले बैडमिंटन खेल में कम से कम बारह अंपायरों की आवश्यकता होती है. यह खेल पंखनुमा शटल तथा एक रैकेट के साथ खेला जाता है. यह खेल 2 से 4 खिलाडियों के बीच खेला जाता है. जब फ़ील्ड में 2 खिलाडी हिस्सा लेते है तो एकल और 4 खिलाडियों के साथ खेलने पर युगल के नाम से जाना जाता है.
बैडमिंटन खेल का मैदान-
बैडमिंटन कोर्ट की लंबाई 44 फीट तथा चौड़ाई 17 फीट होती है. वहीं युगल के कोर्ट के लिए लंबाई तो 44 फीट ही रहती है, लेकिन चौड़ाई 20 फीट कर दी जाती है. कोर्ट के बीच एक रेखा खिंची होती है जो क्षेत्र को दो बराबर भागो में बाटती है. जिन्हे दायां सर्विस कोर्ट व बायां सर्विस कोर्ट कहा जाता है. मध्य रेखा से दोनों ओर एक-एक रेखा मध्य रेखा के समांतर होती है, जिसे शॉर्ट सर्विस रेखा कहा जाता है. सर्विस कोर्ट के पीछे 21/2 फीट के गैलरी तथा 11/2 फीट की साइड गैलरी होती है.
क्यों होते है 12 न्यायाधीश-
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और प्रमुख बैडमिंटन टूर्नामेंटो में कम से कम 12 न्यायाधीश होते है जो की खेल के दौरान कोर्ट पर किसी भी प्रकार की चीटिंग रोकने के जिम्मेदार होते है. इसमें एक रेफरी होता है जो पूरे खेल का प्रभारी होता हैं साथ ही जरुरत के मुताबिक डेप्युटी और अन्य रेफरी भी नियुक्त किए जाते है.
किसी भी बैडमिंटन खेल में अंपायर का किरदार सबसे अहम मन जाता है. हर मैच में एक अंपायर होता है जो पूरे बैडमिंटन कोर्ट का इन्चार्ज होता है और खेल को सुचारू रूप से चलवाता है. वह खेल के दौरान नियमों के अनुपालन के संबंध में फैसले लेता है. इसके साथ ही वह खेल से जुड़ी तमाम जानकारियां मैच रेफरी को देता है. अंपायर ही खिलाड़ियों, न्यायाधीशों और दर्शकों को स्कोर के बारे में सूचित करता है.
बैडमिंटन टूर्नामेंटो के दौरान एक सर्विस जज की भी जरुरत होती है जो सिर्फ सही ढंग से शटल के निष्पादित होने का अवलोकन करता है. वह खेल के दौरान हो रही किसी भी त्रुटी से अंपायर को अवगत कराता है.
खेल के दौरान कोर्ट की सभी दिशाओ में दस लाइन जज भी नियुक्त किए जाते है. लाइन जज यह देखने के लिए जिम्मेदार है कि शटल क्षेत्र की सीमा से कोई खिलाडी बाहर तो नहीं निकलता है और मों में कुछ अवरोध होने पर रेफरी को चेतावनी भी देता है.