आदिवासी कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जोधैया बाई बैगा का 15 दिसंबर को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बताया जा रहा है कि जोधैया बाई बैगा पिछले कुछ समय से लकवा से जूझ रही थीं. उनका अंतिम संस्कार 16 दिसंबर को उनके पैतृक गांव लोधा, उमरिया में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. जोधैया बाई बैगा अनूठी बैगा आदिवासी पेंटिंग के लिए जानी जाती थीं. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि बैगा का निधन कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है. उन्होंने लिखा, "जोधैया बाई जी आदिवासी समुदाय की एक सशक्त आवाज थीं. आदिवासी कला को संरक्षित करने और इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा."
Jodhaiya Bai Baiga Passess Away
पद्मश्री से सम्मानित, प्रसिद्ध बैगा चित्रकार, मध्यप्रदेश की सशक्त सांस्कृतिक हस्ताक्षर, श्रीमती जोधइया बाई बैगा जी के निधन का समाचार सुनकर हृदय व्यथित है। उनका निधन कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है।
जोधइया बाई जी जनजातीय समुदाय की सशक्त आवाज थीं। जनजातीय कला को… pic.twitter.com/bsauimlQhW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 15, 2024
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