किसी व्यक्ति की दूसरी पत्नी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498ए के तहत क्रूरता के लिए अपने पति या ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की हकदार नहीं है क्योंकि उसे कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के रूप में मान्यता नहीं दी गई है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला सुनाया था. सिंगल-जज जस्टिस एस रचैया ने कहा कि यदि पति और पत्नी के बीच विवाह अमान्य है, तो आईपीसी की धारा 498 ए के तहत अपराध नहीं माना जा सकता है. कोर्ट ने कहा, 'पति और उसके ससुराल वालों के खिलाफ दूसरी पत्नी द्वारा दायर की गई शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है. शादी अवैध होने के बावजूद क्या दूसरी पत्नी और उसके बच्चे मांग सकते हैं गुजारा भत्ता? जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा.

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)