मंत्री संदीपन भुमरे और मंत्री अतुल सावे सहित महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को मौजूदा मराठा आरक्षण विवाद पर सरकारी प्रस्ताव (जीआर) सौंपा. मराठा कार्यकर्ता अपना विरोध बंद करने पर सहमत हो गए और राज्य को मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के अपने वादे को पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया. हालांकि, कार्यकर्ता ने कहा कि वह तब तक संतुष्ट नहीं होंगे जब तक मराठा समुदाय को राज्य में आरक्षण का आश्वासन नहीं मिल जाता.

मनोज जरांगे पाटिल ने एक बयान में कहा, महाराष्ट्र में कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कुनबी समुदाय ओबीसी श्रेणी में आरक्षण के लिए पात्र है. "मुझे बहुत खुशी है कि शिंदे समिति अब मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य भर में काम करेगी." मनोज जरांगे ने अनिश्चितकालीन अनशन खत्म किया, सरकार को दी 2 महीने की मोहलत.

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