Madras High Court On Family Property: मद्रास उच्च न्यायालय ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि "तमिलनाडु में आदिवासी समुदायों की महिलाएं हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पारिवारिक संपत्ति में समान हिस्सेदारी की हकदार हैं."

हाई कोर्ट ने कहा कि आदिवासी समुदायों की महिलाएं हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 [सरवनन बनाम सेम्मयी] के तहत अपने पुरुष सहदायिकों के बराबर अपने परिवार या पैतृक संपत्ति में समान हिस्सेदारी की हकदार हैं.

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि भले ही किसी अधिसूचित जनजाति के रीति-रिवाज या प्रथाएं महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त करने से रोकती हों, ऐसे रीति-रिवाज कानून और सार्वजनिक नीति पर हावी नहीं हो सकते. इसलिए तमिलनाडु राज्य में आदिवासी महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में उनके हिस्से से बाहर नहीं किया जा सकता है.

ट्रायल कोर्ट का आदेश तमिलनाडु में एक अधिसूचित जनजाति से संबंधित एक माँ-बेटी की जोड़ी द्वारा दायर मुकदमे पर पारित किया गया था, जिसमें उनकी पारिवारिक संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की गई थी.

 

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