पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने गहरा शोक व्यक्त किया है. डॉ. मनमोहन सिंह, जो 92 वर्ष के थे, का गुरुवार रात नई दिल्ली के एम्स में आयु संबंधी बीमारियों के चलते निधन हो गया. अनवर इब्राहिम ने उन्हें भारतीय आर्थिक सुधारों का शिल्पकार और एक सच्चे मित्र के रूप में याद किया.
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम (Anwar Ibrahim) ने डॉ. मनमोहन सिंह को एक प्रिय मित्र और भारतीय आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में याद किया. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, "मेरे सम्मानित और प्रिय मित्र, डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के निधन की खबर से मेरा मन शोक में डूब गया है. उनके बारे में कई लेख और किताबें लिखी जाएंगी, लेकिन वे भारत की आर्थिक सुधारों के शिल्पकार के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे. उन्होंने भारत को एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई."
1990 के दशक की साझी यादें
अनवर ने डॉ. सिंह के साथ अपने काम के अनुभव को याद करते हुए बताया कि 1990 के दशक में, जब वे दोनों अपने-अपने देशों के वित्त मंत्री थे, उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और एक महत्वपूर्ण मामले पर साथ काम किया था. उन्होंने लिखा, "उनके साथ काम करना मेरे लिए एक दुर्लभ सौभाग्य था. डॉ. मनमोहन सिंह एक राजनेता के रूप में थोड़े झिझक वाले थे, लेकिन एक राजनेता के रूप में उनकी ईमानदारी और अडिगता प्रेरणादायक थी."
अनवर इब्राहिम का पोस्ट
The weight of grief bears down on me at the news of the passing of my honoured and cherished friend: Dr Manmohan Singh.
Obituaries, essays and books a plenty there will surely be about this great man, celebrating him as the architect of India’s economic reforms. As Prime… pic.twitter.com/44bA3s7vst
— Anwar Ibrahim (@anwaribrahim) December 27, 2024
मेरे बच्चों की फीस की पेशकश की थी: अनवर इब्राहिम
अनवर इब्राहिम ने डॉ. सिंह की उदारता और मानवता को याद करते हुए एक व्यक्तिगत घटना साझा की. जब अनवर इब्राहिम को मलेशिया में कैद किया गया था, तब डॉ. सिंह ने उनके बच्चों के लिए फीस की पेशकश की थी. उन्होंने कहा, "उन कठिन दिनों में, जब मैं कैद में था, उन्होंने मुझे सच्चे मित्र की तरह सहारा दिया. उन्होंने मेरे बेटे के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की, जो राजनीतिक रूप से उनके लिए सुविधाजनक नहीं था. यह उनकी उदारता और मानवता का प्रमाण था."
मलेशियाई प्रधानमंत्री का भावुक संदेश
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने अपने संदेश का अंत भावुक शब्दों के साथ किया,
"गुडबाय, मेरे मित्र, मेरे भाई, मनमोहन."
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनकी ईमानदारी, सरलता और दूरदर्शी नेतृत्व को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था. वे न केवल एक प्रख्यात अर्थशास्त्री थे, बल्कि 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश का नेतृत्व किया. उनके कार्यकाल में भारत ने आर्थिक और सामाजिक सुधारों की दिशा में बड़े कदम उठाए.