झारखंड हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A (महिला के प्रति क्रूरता) मूल रूप से विवाहित महिलाओं पर पतियों या उनके रिश्तेदारों द्वारा की गई क्रूरता को दंडित करने के उद्देश्य के साथ पेश की गई थी, लेकिन वर्तमान में इसका दुरुपयोग हो रहा है. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सहित कई अदालतों ने इस तरह के दुरुपयोग पर चिंता जताई है. IPC की धारा 498A के तहत दूसरी पत्नी नहीं कर सकती पति या ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत.
अदालत ने कहा, 'भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए को पति या उसके रिश्तेदारों के हाथों क्रूरता को दंडित करने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ कानून में शामिल किया गया था, हालांकि, आजकल, इस धारा का दुरुपयोग किया जा रहा है.
Section 498A IPC was enacted to punish cruelty by husband but now being misused: Jharkhand High Court
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— Bar & Bench (@barandbench) July 26, 2023
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