दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि दो वयस्कों के बीच यौन संबंध, जो कानूनी रूप से अन्य भागीदारों से विवाहित हैं, को ऐसा कार्य नहीं माना जा सकता, जिसके लिए कानूनी सुरक्षा उपलब्ध है.
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि एक अविवाहित महिला को किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा शादी के झूठे बहाने पर यौन संबंध बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिसे वह कानूनी तौर पर शादी के लिए योग्य मानती है, तो यह बलात्कार का अपराध हो सकता है, हालांकि अदालत ने कहा कि जब पीड़िता खुद किसी अन्य साथी से मौजूदा विवाह के कारण कानूनी तौर पर किसी और से शादी करने के योग्य नहीं है, तो वह शादी के झूठे बहाने के तहत यौन संबंध बनाने के लिए प्रेरित होने का दावा नहीं कर सकती है.
अदालत ने बलात्कार के एक मामले को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें दो व्यक्ति अपने-अपने जीवनसाथी से शादी करने के बावजूद एक-दूसरे के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे. एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला ने आरोप लगाया कि उस व्यक्ति ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए.
Married Woman Can't Prosecute For Rape On False Promise Of Marriage: Delhi High Court | @nupur_0111 https://t.co/gaheB1At1J
— Live Law (@LiveLawIndia) September 21, 2023
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