चमत्कार: सिर से जुड़ी दुर्लभ जुड़वां बच्चियों को 55 घंटों की सर्जरी के सफलता पूर्वक किया गया अलग, देखें वीडियो
सफा और मारवा उल्लाह, (फोटो क्रेडिट्स: YouTube)

लंदन के एक अस्पताल में कुल 55 घंटों के संयुक्त ऑपरेशन के बाद दुर्लभ जुड़वा बच्चियों को अलग किया गया है. ऑपरेशन ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल में दो साल की जुड़वा बहनों सफा और मारवा उल्लाह के तीन बड़े ऑपरेशन हुए. उत्तरी पाकिस्तान की लड़कियों का फरवरी में आखिरी ऑपरेशन हुआ था. वे अब लंदन में ठीक हो रहे हैं और 2020 में अपने वतन लौटने की योजना बना रहे हैं. इस ऑपरेशन के पैसे पाकिस्तानी व्यापारी मुर्तजा लखानी ने किया था. लड़कियों की मां जैनब बीबी, 34, ने कहा कि हम अस्पताल और कर्मचारियों के ऋणी हैं और हम उनके द्वारा की गई हर चीज के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहेंगे. 'भगवान की कृपा से मैं दोनों को गोद में ले सकती हूं. भगवान ने हमारी प्रार्थनाओं को सुन लिया है'. दोनों बच्चियों के पिता की मृत्यु हो चुकी है, उन्हें 1 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वे अपनी मां अपने दादा मोहम्मद सआदत और चाचा के साथ लन्दन में इलाज करा रही हैं. क्रानियोपैगस जुड़वा (Craniopagus Twins) यानी सिर से जुड़े ट्विन्स दुर्लभ होते हैं. यह हर 2.5 मिलियन जन्मों में एक है और अधिकांश एक दिन से अधिक जीवित नहीं रहते हैं. 1952 में पहले प्रयास के बाद लगभग 60 ऐसे केसेस हो चुके हैं और प्रत्येक मामला अद्वितीय था.

न्यूरोसर्जन नूर उल ओवेसे जीलानी और प्लास्टिक सर्जन प्रोफेसर डेविड ड्यूनेवे की अगुवाई में ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल की टीम ने 2006 और 2011 में दो बार ऐसे ऑपरेशन कर चुके हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि सफा और मारवा का मामला अभी तक सबसे जटिल था. तैयार करने के लिए, टीम ने आभासी वास्तविकता (virtual reality) का उपयोग कर उनके सिर की 3D प्रतिकृति बनाई. पिछले अक्टूबर में पहले 15 घंटे के ऑपरेशन के दौरान, उन्होंने दिमाग और धमनियों को अलग कर दिया. एक महीने बाद दूसरे ऑपरेशन में, उन्होंने नसों को अलग कर दिया. लेकिन सफा के गले में थक्के जमने के बाद खून बहाना शुरू हो गया, जिसके बाद जुड़वा बच्चों को खून चढ़ाना शुरू कर दिया. डॉक्टरों को लगा कि कि हृदय गति गिरने के बाद वे मारवा को खो देंगे. उसकी खराब हालत देखकर उन्होंने उसे एक महत्वपूर्ण नस दी जिसे जुड़वा बच्चों ने साझा किया. सफा को 12 घंटे से भी कम समय बाद एक अटैक आया. सर्जन जिलानी बहुत डर गए उन्हे लगा कि सफा मर चुकी है. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि मैं अपने किचन के फर्श पर गिर गया और रोने लगा. मेरी पत्नी ने मुझे कभी इस हालत में नहीं देखा था.

यह भी पढ़ें: चमत्कार! पेट से जुड़ी बच्चियों को डाक्टरों ने दी नई जिंदगी, 6 घंटे तक चला ऑपरेशन

मेरी पत्नी ने मुझे समझाया कि आपने जुड़वा बच्चियों के पीछे शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत मेहनत की है. आपके पास ज्यादा ताकत नहीं बची है. सौभाग्य से दोनों बच्चियां ठीक हो रही हैं. जनवरी में सर्जनों ने त्वचा को फैलाने के लिए थैली डाली और अगले महीने एक आखिरी बड़े ऑपरेशन में बच्चियों को अलग कर दिया गया . डॉक्टर्स की टीम ने बच्चियों की हड्डी का उपयोग करके नई खोपड़ी बनाई. बच्चियों की अब फिजियोथेरेपी चल रही है. डॉक्टर जिलानी और प्रोफेसर डुनवे ने एक संयुक्त बयान में कहा कि,' हमें खुशी है कि हम सफा और मारवा और उनके परिवार की मदद करने में सक्षम हैं. यह उनके लिए और उनकी देख रेख करने वाली क्लिनिकल ​​टीम के लिए एक लंबी और जटिल यात्रा रही है.'