कोरोना वायरस (Coronavirus) के पूरी दुनिया में 16 लाख से भी ज्यादा लोग शिकार हो चुके हैं. वहीं, 95 हजार से अधिक संक्रमितों की मौत हो गई है. इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है. कोई वायरस से बचने के लिए घरेलू नुस्खे बता रहा है तो कहीं इसके लक्षणों को जांचने के अजीबोगरीब तरीके बताए गए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस की जांच इंसान घर बैठे मुफ्त में कर सकता है. इसके लिए किसी तरह के टेस्ट की आवश्यक्ता नहीं है.
इन दिनों सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैल रही है कि 10 सेकंड सांस रोकने वाले कोरोना के शिकार नहीं है. वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि अगर कोई इंसान अपनी सांस को पूरे 10 सेकंड तक रोक सकता है तो समझ लीजिए, उसका शरीर कोरोना वायरस की चपेट में नहीं है. यह भी पढ़ें- Fact Check: क्या अक्टूबर 2020 तक बंद रहेंगे होटल, रिसोर्ट और रेस्टोरेंट? सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज की सच्चाई PIB फैक्ट चेक से हुई उजागर.
यहां देखें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ट्वीट-
Stop believing bogus claims and join the race of refuting false myths on #COVID19. #BreakTheChain #StayHome #SocialDistancing pic.twitter.com/Crvp7HZmms
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) April 10, 2020
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार (Ministry of Information and Broadcasting) ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज किया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा है कि अगर आप बिना किसी परेशानी के 10 सेकेंड तक सांस रोकने में सफल रहते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना संक्रमण नहीं है. कोरोना वायरस से जुड़ी किसी भी प्रकार की जांच डॉक्टर से ही करवाएं.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 12 घंटों में कोरोना वायरस के मामलों में 547 मामलों की बढ़त हुई है. वहीं 30 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही भारत में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 6412 हो गई है. इनमें 5709 सक्रिय मामले, 504 ठीक या डिस्चार्ज हो चुके मामले और 199 मौतें शामिल हैं.
Fact check
अगर कोई इंसान अपनी सांस को पूरे 10 सेकंड तक रोक सकता है तो उसका शरीर कोरोना वायरस की चपेट में नहीं है.
यह वायरल मैसेज पूरी तरह फेक है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसे फेक बताया है.