कॉकरोच (Cockroach) को घर से भगाने के लिए हम क्या-क्या नहीं करते हैं. घरेलु नुस्खों से लेकर बाजारों में उपलब्ध तमाम तरह के कॉकरोच भगाने वाली वस्तुओं को प्रयोग में लाया जाता है. अब अगर आप यह सुनें कि कॉकरोच को पाला भी जाता है तो आप सोचेंगे कि ऐसा नहीं हो सकता, लेकिन ऐसा है. अपने पड़ोसी देश चीन में कॉकरोचों को पाला जा रहा है. इतना ही नहीं यहां रोजाना एक अरब कॉकरोचों को लजीज खाने की दावत भी मिल रही है.
यह पूरा मामला चीन (China) के शहर शानडोंग है. जहां कॉकरोचों को पाला भी जा रहा है और हर रोज खाने की दावत भी दी जा रही है. इस खाने का वजन है 50 टन यानी सात वयस्क हाथियों के भार के बराबर. चीन में अब कॉकरोच वेस्ट मैनेजमेंट का काम कर रहे हैं. बात कुछ अटपटी जरुर है लेकिन सच है. दरअसल चीन के ऐसा करने के पीछे बड़ा मकसद है. देश उन कॉकरोचों को ऐसे ही नहीं पाल रहा है.
ये कॉकरोच एक खास काम के लिए पाले-पोसे जा रहे हैं. अब ये कॉकरोच चीन में ढेर सारे बचे हुए खाने का निपटान करेंगे. यानी बाकी बचे खाने को खत्म करने का काम. और जब वे मरेंगे तो उनका मरा हुआ शरीर भी कई तरह के काम में आने वाला है.
एक रिपोर्ट के मुतबिक अकेले बीजिंग में रोज लगभग 25 हजार टन खाना बर्बाद होता है, जिसका वेस्ट मैनेजमेंट काफी मुश्किल काम है. इसीलिए चीन बड़े पैमाने पर कॉकरोच का उत्पादन कर रहा है, जो इस खाने को चट करेंगे. इसके अलावा भी कई जरुरी चीजों के लिए चीन इन कॉकरोचों का इस्तेमाल करेगा. कॉकरोच का इस्तेमाल पेट की बीमारियां दूर करने तथा ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जाता है. यह भी पढ़ें- रातों- रात खाली हो गया पूरा गांव, यहां भटकते हैं भूत प्रेत
प्लांट में हो रहा पालन-पोषण
कॉकरोचों को पालने के लिए एक विशेष तरह के प्लांट का निर्माण किया गया है. यहीं शानडोंग क्योबिन एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी कॉ के प्लांट में शहरभर का बचा हुआ खाना आ जाता है. यहां पर कॉकरोचअपनी सेल (कमरों) में खाने का इंतजार कर रहे होते हैं और पाइपों के जरिए खाना पहुंचते ही मिनटों में लाखों कॉकरोच उसे चट कर जाते हैं.
इस प्लांट उन्हें पालने के लिए पूरी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. लकड़ी के बोर्ड उनका घर हैं और कमरों में हल्की नमी और गर्मी है, यानी वही माहौल क्रिएट किया गया है जो कॉकरोच को पसंद है. अगले साल ऐसे तीन और प्लांट शुरू करने की योजना है. इसका मकसद है शहर के लगभग सात मिलियन लोगों द्वारा पैदा किए जाने वाले एक तिहाई फूड वेस्ट का मैनेजमेंट करना.